Wednesday, December 18, 2024
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Homeप्रदेशहिमाचल प्रदेशहिमाचल में दोगुनी हुई HPMC के सीए स्टोर की भंडारण क्षमता

हिमाचल में दोगुनी हुई HPMC के सीए स्टोर की भंडारण क्षमता

शिमला: हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (HPMC) की नियंत्रित वातावरण भंडारण (सीए स्टोर) क्षमता को पिछले दो वर्षों के दौरान दोगुना कर दिया गया है। वर्ष 2023 से पहले प्रदेश में सात सीए स्टोर में कुल भंडारण क्षमता 3380 मीट्रिक टन थी, जो अब सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप 8260 मीट्रिक टन हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

हजारों परिवारों को मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में बागवानों और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और सीए स्टोर की क्षमता में वृद्धि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इससे बागवानी क्षेत्र से जुड़े हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा। अब बागवानों को ऑफ सीजन में उनकी उपज के बेहतर दाम मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि HPMC कृषि उत्पादों को बेहतर दाम दिलाने के उद्देश्य से आधारभूत ढांचे का विस्तार कर रही है।

किसानों को मिल रही आर्थिक राहत

इसी कड़ी में गुम्मा सीए स्टोर की क्षमता 640 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2017 मीट्रिक टन तथा जरोल-टिक्कर सीए स्टोर की क्षमता अब 640 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2062 मीट्रिक टन की गई है। इसी प्रकार, रोहड़ू सीए स्टोर की क्षमता 700 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2031 मीट्रिक टन की गई है। इसके अलावा, किसानों की सुविधा के लिए रिकांगपिओ में 250 मीट्रिक टन तथा चच्योट में 500 मीट्रिक टन क्षमता के नए सीए स्टोर स्थापित किए गए हैं। बागवानों व किसानों को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने सीए स्टोर बुकिंग दरें भी 2 रुपये प्रति किलोग्राम प्रतिमाह से घटाकर 1.60 रुपये प्रति किलोग्राम प्रतिमाह कर दी हैं, जिससे किसानों व बागवानों को आर्थिक राहत मिल रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए पिछले दो वर्षों के दौरान अनेक निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन की शुरुआत की है और सेब का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलो कर दिया है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब 12 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार ने कीटनाशकों पर सब्सिडी फिर से शुरू की है, जिसे पिछली भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था। सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब उत्पादकों को 150 करोड़ रुपये का लंबित भुगतान भी जारी किया है।

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