New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है। जस्टिस संजय कुमार की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
3 जुलाई को चार्जशीट दाखिल करेगी ईडी
ईडी ने कोर्ट को बताया कि वह इस मामले में दो सप्ताह में जांच पूरी कर 3 जुलाई तक फाइनल चार्जशीट दाखिल कर देगी। कोर्ट ने कहा कि फाइनल चार्जशीट दाखिल होने के बाद सिसोदिया दोबारा जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं। सिसोदिया ने जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 21 मई के आदेश को चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने घोटाले के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी मिटा दिए हैं।
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वह सामने आकर साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि आरोपियों की वजह से इस मामले की सुनवाई में देरी हो रही है। उन्होंने कहा था कि एक आरोपी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि 1700 पन्नों की चार्जशीट में से उसने 1600 पन्नों की जांच नहीं की है।
जमानत के लिए क्या थी सिसोदिया की दलीलें
मनीष सिसोदिया की ओर से जमानत मांगते हुए दलील दी गई कि इस मामले में अभी ईडी और सीबीआई की जांच चल रही है। जोहेब हुसैन ने कहा था कि इस मामले में सीबीआई ने एक मुख्य चार्जशीट और दो पूरक चार्जशीट दाखिल की हैं। ईडी ने एक मुख्य चार्जशीट और छह पूरक चार्जशीट दाखिल की हैं। दोनों मामलों में अभी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि ट्रायल शुरू करने की दिशा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मनीष सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए।