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देश में पहली बार एक साथ हुए नगरीय एवं पंचायत चुनाव : राज्य निर्वाचन आयुक्त

उपचुनाव

भोपालः देश में पहली बार मध्यप्रदेश में नगरीय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव एक साथ करवाए गए। पंचायत चुनाव के बीच में ही नगरीय निकाय चुनाव करवाए गए। अधिकारी एवं कर्मचारियों की कर्मठता से ही कम समय में दोनों चुनाव संभव हुए हैं।

यह बात मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में "स्थानीय निर्वाचन-मूल्यांकन एवं भविष्य की चुनौतियाँ'' विषय पर हुई कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि नियम इस तरह से हों कि चुनाव में स्व-विवेक का उपयोग कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जो त्रुटियाँ हों, उन्हें बेझिझक स्वीकार कर सुधारने का प्रयास करें। सभी मिल कर प्रयास करें कि आगामी चुनावों में त्रुटियों की पुनरावृत्ति न हो।

इंस्टीट्यूशनल मेमोरी है जरूरी

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने कहा कि इंस्टीट्यूशनल मेमोरी जरूरी है। इन चुनावों के अनुभवों से एक अनौपचारिक दस्तावेज बनाएं, जो अगले चुनावों में काम आए। शिकायतों से संबंधित एक पोर्टल होना चाहिए। इसमें शिकायतों के निराकरण की स्थिति भी प्रदर्शित हो।

ओएसडी दुर्ग विजय सिंह ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त के कुशल नेतृत्व में विषम परिस्थितियों के बावजूद पंचायत और नगरीय निकाय निर्वाचन में टीम भावना से बेहतर कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि आई.टी. टीम द्वारा ऐसे प्रयास हों कि रिपोर्टिंग समय पर हो सके। उप सचिव श्री अरुण परमार ने कार्यशाला में शामिल किए गए विभिन्न बिन्दुओं पर हुई चर्चा की विश्लेषणात्मक व्याख्या की।

उप सचिव नवीत धुर्वे ने मतपेटी प्रबंधन और राजकुमार खत्री ने शिकायतों के निराकरण की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उप सचिव अजीजा सरशार जफर ने चुनाव में उपयोग किए गए आईईएमएस के बारे में जानकारी दी। उप सचिव सुतेश शाक्य ने कहा कि प्रशिक्षण का समय बढ़ाया जाना चाहिए। अवर सचिव मेघा शर्मा ने शिकायतों की प्रकृति और उनके निराकरण की स्थिति बतायी। कार्यशाला में अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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