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Shraddha Murder: रात भर चैन की नींद सोता रहा हत्यारा, तिहाड़ जेल में ऐसे बीती आफताब की पहली रात

नई दिल्लीः बहुचर्चित श्रद्धा मर्डर केस का आरोपित आफताब पूनावाला दिल्ली के तिहाड़ जेल में पूरी रात आराम से सोता रहा। हालांकि जेल लाये जाने के बाद वह खामोश था, लेकिन उसे देखकर ऐसा नहीं लगा कि इस घटना को लेकर उसे कोई पछतावा है। शनिवार को देर शाम आफताब को अन्य कैदियों से बचाते हुए जेल में लाया गया था।शनिवार को चार दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद सुबह करीब 10 बजे आफताब को लेकर पुलिस आंबेडकर अस्पताल पहुंची थी। यहीं उसका मेडिकल करवाया गया।

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इसके बाद दोपहर करीब 2.30 बजे दोबारा पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची। यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उसकी कोर्ट में पेशी करवाई गई। जहां से उसे 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उसे शनिवार शाम करीब छह बजे तिहाड़ जेल लाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक श्रद्धा के हत्यारे आफताब पूनावाला को जेल संख्या- 4 के बैरक नम्बर 15 में रखा गया है। अन्य बैरक के मुकाबले 15 नम्बर बैरक को सबसे सुरक्षित माना जाता है। उसे जेल में अन्य कैदियों से अलग रखा गया है। इसकी निगरानी के लिए 24 घंटे तीन जेल कर्मी का एक स्टाफ हर समय सेल में मौजूद है।

हालांकि सभी बैरकों में सीसीटीवी लगे हुए हैं। लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल का स्टाफ सीसीटीवी के अलावा गश्त भी कर रहा है, ताकि आफताब की हर हरकत पर नजर रखी जा सके। जेल सूत्रों ने बताया कि जेल आने के बाद वह चुपचाप था। उसे देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि उसे कोई पछतावा है। वह पूरी रात आराम से सोया। सुबह नश्ते के समय उसे जेल परिसर में ले जाया गया और नश्ता लेने के बाद उसे वापस सेल में पहुंचा दिया गया।

गौरतलब है कि आफताब पूनावाला कॉल सेंटर में काम करने वाली श्रद्धा को शादी का झांसा देकर मुंबई से दिल्ली लाया था। जहां दोनों के बीच शादी को लेकर झगड़ा के बाद आफताब ने श्रृद्धा की हत्याकर उसके शव के करीब 37 टुकड़े किए थे। किसी को भनक न लगे, इसके लिए आफताब ने बाजार से एक फ्रिज खरीदा था, जिसमें उसने श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े करीब 15 दिनों तक रखे रहे। आफताब रोज रात के करीब 2 बजे फ्लैट से निकलता और दो से तीन अंगों को जंगल में फेंक आता था। ऐसे करके आफताब ने पूरी बॉडी को ठिकाने लगा दिया।

इतना ही नहीं बॉडी के टुकड़े करने के लिए आफताब ने खानसामे की ट्रेनिंग ली थी। जिसमें उसने किसी चीज के टुकड़े कैसे करना है यह सीखा था। श्रद्धा की बॉडी ठिकाने लगाने के बाद आफताब सामान्य तरीके से जीवन जी रहा था। उसने किसी को भी भनक नहीं लगने दी की उसने श्रद्धा का काम तमाम कर दिया है। यही नहीं जिस कमरे में आफताब ने श्रद्धा की हत्या की थी उसी कमरे में वह रोज सोता था। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लाश के टुकड़े घर में रखे थे। बॉडी के टुकड़ों से दुर्गंध फैलने से रोकने के लिए फ्लैट में अगरबत्तियां जलानी शुरू कर दी थीं।

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