भोपाल: दुनिया के विविध संगठनों में कार्यरत प्रवासी भारतीय कार्यकर्ताओं का 21 दिवसीय निवासी प्रशिक्षण चल रहा है। भोपाल के कोकता स्थित बंसल इंस्टिट्यूट में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सात अगस्त तक चलेगा। प्रशिक्षण के दूसरे एवं तीसरे दिन विभिन्न बौद्धिक सत्रों के दौरान इस बात पर जोर रहा कि कैसे सेवा और त्याग के माध्यम से मानव सेवा का संदेश संघ के स्वयंसेवक वैश्विक स्तर पर देने में सफल हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें किन बातों पर जोर देना चाहिए, जमीनी स्तर पर क्या-क्या नवाचार सतत् करते रहना होगा। कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों ना सामने आ जाएं वे अपना धैर्य कैसे बनाए रख सकते हैं।
विश्व विभाग के संयोजक सौमित्र गोखले ने इस प्रशिक्षण वर्ग में कनाडा, यूएसए, यूके और थाईलैंड जैसे 13 देशों से आये स्वयंसेवकों से कहा कि इस प्रकार के संघ शिक्षा वर्ग सतत् आयोजित होते हैं। भारत में प्राथमिक से लेकर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्गों में स्वयंसेवक अपना समय देकर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह प्रशिक्षण सेवा भाव, त्याग भाव एवं हम सभी मिलकर कैसे भारत को शक्ति सम्पन्न बनाने में परस्पर सहयोगी बन योगदान दे सकते हैं, इसके लिए ही है। इसी कड़ी में आज हम सभी यहां एकत्र हैं। आप सभी अपने-अपने स्थानों (देशों) में भारत का मान बढ़ाने का ही कार्य कर रहे हैं, यह कार्य ओर कैसे प्रभावी हो सकता है, इस पर अब हमें अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। संघ शिक्षा वर्ग के बारे में उन्होंने कहा कि 1925 से शुरू हुआ संघ कार्य दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, संगठन स्तर पर हम 100 वर्ष पूर्ण करने को हैं। संघ के स्वयंसेवक चाहे वह सेवा, संस्कार, योग, पर्यावरण, ज्ञान-विज्ञान या अन्य क्षेत्र ही क्यों ना हो, हर जगह समयानुकूल कार्य करने के लिए आगे रहते आए हैं।
सौमित्र गोखले ने कहा कि अच्छी परम्परा एवं समाज में परिवर्तन करने के लिए सैकड़ों पीढ़ियों की साधना लगती है। संघ किसी विरोध या प्रतिक्रिया के लिए नहीं, किंतु सकारात्मक कार्यों से समाज को सही दिशा में गतिशील बनाए रखने के लिए कार्य कर रहा है। संघ का राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय होने का अर्थ ही यही है कि सम्पूर्ण भारत से विश्व के कौने-कौने में संदेश जाए वसुधैव कुटुम्बकम। यह विश्व हमारे लिए अपना एक परिवार है। आने वाले समय में सभी प्रकार से संघर्षरत विश्व को अपने जीवन मूल्यों के आधार पर सुख और शांति का मार्ग सनातन हिन्दू धर्म से ही मिलेगा, क्योंकि हमारी जीवन दृष्टि संघर्ष नहीं, सहकार है। सर्वे भवंतु सुखिनः यह हमारा सरल-सहज भाव है। अपनी ज्ञान परम्परा को लेकर हम सभी कृण्वन्तो विश्वमार्यम का संकल्प साकार करने निकले हैं।
उन्होंने कहा कि भेद रहित, शोषण मुक्त, समता युक्त, संयुक्त परिवार युक्त, व्यसन मुक्त, विवाद मुक्त हमारा आचरण सदैव दिखाई देना चाहिए। अपना परिवार (कुटुंब) अपनी सबसे बड़ी ताकत है। एक स्वाबलम्बी स्वाभिमानी मनुष्य एक अच्छे सामूहिक संस्कारों से निकलता है इसलिए यह व्यवस्था और मजबूत हो। इस पर सदैव गहराई से हम सभी को ध्यान देते रहना है। वर्ग में संघ में अखिल भारतीय अधिकारियों के साथ ही वर्ग के सर्वाधिकारी मुंबई के डॉ. सतीश मोड़, क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते, मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडे, भोपाल के विभाग संघचालक डॉ. राजेश सेठी, विभाग प्रचारक श्रवण सैनी पूरे समय यहां मौजूद हैं।
इस वर्ग में हिन्दू स्वयंसेवक संघ, सेवा इंटरनेशनल, फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया, हिन्दू युवा जैसे विविध देशों में हिन्दू संस्कृति संवर्धन के कार्यों से जुड़े 13 देशों के 53 कार्यकर्ता इसमें भाग ले रहे हैं। इनमे कनाडा, यूएसए, यूके और थाईलैंड जैसे देशों से आये हुए कार्यकर्ता सम्मिलित हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने 17 जुलाई को इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया था। होसबाले ने अपने उद्बोधन में विभिन्न देशों से आये कार्यकर्ताओं का स्वागत तथा अभिनन्दन किया तथा सभी कार्यकर्ताओं को वर्ग के प्रशिक्षण में मनोयोग से भाग लेकर विविध विषयों में निपुणता प्राप्त करने का आह्वान किया। ऐसे वर्गों के लम्बे इतिहास का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा था कि यह एक दूसरे के साथ रहने का, समझने का, सामूहिक सोच निर्माण करने का एक प्रयास है।
इस शिविर में स्वयंसेवक योग और भारतीय खेल आदि का प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ ही भारत के गौरवशाली इतिहास, भारतीय दर्शन का परिचय, विदेश में रहते समय नई पीढ़ी के सामने चुनौतियां इत्यादि विषयों पर विमर्श कर रहे हैं। वर्ग में सांस्कृतिक प्रदर्शनी, ग्रामदर्शन, मातृ हस्ते भोजन जैसे विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। वर्ग का समापन समारोह 6 अगस्त को होगा, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे। इसी प्रकार का महिला कार्यकर्ताओं का विश्व विभाग प्रशिक्षण वर्ग 21 जुलाई से ‘समाज सेवा न्यास’ भोपाल में प्रारंभ होगा।
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