नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना भारत के रक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण प्राथमिकता और उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही भारत से रक्षा उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सैनिकों का कल्याण भी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मोदी सरकार में दूसरी बार बने रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) पिछली मोदी सरकार में भी पांच साल तक रक्षा मंत्री रह चुके हैं। गुरुवार को रक्षा मंत्रालय पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल से मैंने इस मंत्रालय में रक्षा मंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अब फिर से प्रधानमंत्री ने मुझे रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है। हमारी जो प्राथमिकताएं पहले थीं, वे आगे भी जारी रहेंगी। भारत की अभेद्य सुरक्षा, भारत की अजेय सेना और भारत के सैनिकों का कल्याण रक्षा मंत्रालय की प्राथमिकताओं में विशेष रूप से रहेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हम एक सशक्त भारत, एक आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं, यही हमारा लक्ष्य है। हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है। हमने इस दिशा में एक लक्ष्य तय किया है। भारत ने रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उनका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में रक्षा उत्पादों के निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये से ऊपर ले जाना है।
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सेना का मनोबल पहले भी ऊंचा
उन्होंने कहा कि हमारी सेना का मनोबल पहले भी ऊंचा रहा है और हम भविष्य में भी इसे ऊंचा रखने का पूरा प्रयास करेंगे। हमारी सेनाओं ने समय आने पर शौर्य और साहस का परिचय दिया है। हमारी तीनों सेनाओं, चाहे वह भारतीय सेना हो, भारतीय वायु सेना हो या भारतीय नौसेना हो, की जितनी भी प्रशंसा की जाए, वह कम है। हमें तीनों सेनाओं पर गर्व है।