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1 करोड़ रुपये की कीमत लगने के बावजूद चरवाहे ने नहीं बेची अपनी भेड़, जानें क्या थी वजह ?

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 rajasthan-surdu-number-786-lamb चुरू: देश भर ईद-उल-अजहा या ईद-उल-जुहा यानि बकरीद आज बढ़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है। बकरीद इस्लाम के सबसे पवित्र त्योहारों में एक है। यह हजरत इब्राहिम के अल्लाह के प्रति अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। बकरीद पर जानवर की कुर्बानी दी जाती है। इसी कुर्बानी को लेकर राजस्थान के चुरू जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक चरवाहे ने उसकी भेड़ के लिए 1 करोड़ रुपये की पेशकश की गई। बावजूद चरवाहे ने अपनी भेड़ को बेचने से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि मेमने के पेट पर उर्दू में इस्लाम का पवित्र नंबर 786 ( urdu number 786 lamb) लिखा हुआ है। ये भी पढ़ें..कांग्रेस के कार्यालय में बकरे की कुर्बानी की मांग, AIMIM ने दिग्विजय को भेजा पत्र 786' को इस्लाम में पवित्र माना जाता गौरतलब है कि 786 नंबर ( urdu number 786 lamb) को भारतीय उपमहाद्वीप में मुस्लिमों द्वारा पवित्र माना जाता है। चरवाहा राजू सिंह को पहले तो समझ नहीं आया कि इस नंबर का मतलब क्या है, लेकिन अपने गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात करने के बाद उन्हें पता चला कि यह '786' का उर्दू अंक है। इस नंबर को इस्लाम में पवित्र माना जाता है और इसके इस्तेमाल को अक्सर ईश्वर के आशीर्वाद के रूप में देखा जाता है।

70 से एक करोड़ रुपये का मिल चुका है ऑफर

सिंह ने कहा कि भेड़ का जन्म पिछले साल हुआ था और उन्हें अब तक इसके लिए 70 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के ऑफर मिल चुके हैं, लेकिन उन्होंने जानवर नहीं बेचने का फैसला किया है। क्योंकि वह उसे बहुत प्रिय है। जब से भेड़ की कीमत करोड़ों रुपये आंकी गई है, तब से इसे झुंड की अन्य भेड़ों से अलग रखा जा रहा है। साथ ही हरी सब्जियों के साथ पपीता, बाजरा, अनार सहित विशेष आहार दिया जा रहा है। जबकि भेड़ की बड़ी कीमत होने के कारण चरवाहे ने इसकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। इतना ही नहीं चरवाहा राजू सिंह इस भेड़ को अपने परिवार के साथ अपने घर के अंदर ही रखता हैं।  (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)