जयपुरः राजस्थान की जयपुर ग्रामीण पुलिस ने अस्पताल भूमि अतिक्रमण मामले में राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) को आरोपी बनाया है। गोविंदगढ़ में अस्पताल की जमीन एक एनआरआई की है और इस मामले में गुढ़ा के निजी सहायक और साले को एक साल पहले गिरफ्तार किया गया था। मामले में गुढ़ा का नाम आने के बाद पुलिस ने उसकी फाइल सीआईडी को भेजने का फैसला किया है। इस मामले में अब मंत्री गुढ़ा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप
अधिकारियों के मुताबिक, जिस जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, वह डॉ. बनवारी लाल मील की है, जो बीएल मील अस्पताल के मालिक हैं। वह एक अफ्रीकी देश में रहता है, लेकिन उसने पावर ऑफ अटॉर्नी किसी निर्मल को दे रखी है। 20 अगस्त 2022 को कुछ दबंग लाठी-डंडे से लैस होकर जमीन पर कब्जा करने आये, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ में बदमाशों ने गुढ़ा का नाम लिया और कहा कि उसी ने उन्हें भेजा है।
ये भी पढ़ें..रूसी लड़ाकू जेट ने इस देश में अमेरिकी ड्रोन को बनाया निशाना, पहुंचाया नुकसान
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके बाद उसकी फाइल सीआईडी को भेजने का निर्णय लिया गया और फाइल अब सीआईडी कार्यालय पहुंच गयी है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) को पिछले शुक्रवार को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था और 24 जुलाई को राजस्थान विधानसभा से बाहर कर दिया गया था। गुढ़ा ने चौंकाने वाले दावे किए थे कि उनके पास एक 'लाल डायरी' थी जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर सबूत थे। ।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला गोविंदगढ़ के बलेखां गांव का है। यहां है अफ्रीका में रहने वाले डॉ। बनवारी लाल मील का बीएल मील अस्पताल। उन्होंने इस काम के लिए मानसरोवर निवासी निर्मल कुमार को पावर ऑफ अटार्नी दी थी। यहां 20 अगस्त 2022 को अचानक कई लठैत कब्जा करने पहुंच गए। इसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें गुढ़ा के पीए का साला अभय सिंह भी शामिल था।
मामले की जांच पहले थाना स्तर पर की गयी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण धर्मेन्द्र यादव को दी गई। जांच में पता चला कि निर्मल ने डॉक्टर को बिना बताए साजिश के तहत बिल्डर सत्यनारायण गुप्ता की कंपनी के नाम लीज डीड तैयार कर ली। अस्पताल और करीब दस बीघे जमीन का एक साल का किराया महज 70 हजार रुपये बताया गया। कुछ माह बाद इसकी लीज डीड अभय सिंह के नाम हो गई।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)