राजस्थान

बिजली संकटः अक्षय तृतीया पर उद्योगों को केवल आठ घंटे बिजली देने का फैसला



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जयपुर: प्रदेश में चल रहे बिजली संकट (power crisis) के बीच तीन मई को सभी श्रेणियों की औद्योगिक इकाई को केवल 8 घंटे ही बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। तीन मई को आखातीज मतलब शादियों का अबूझ सावा है और यदि चांद दिखता है तो ईद भी इसी दिन होगी। बिजली की मांग और खपत में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए डिस्कॉम अध्यक्ष भास्कर सावंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में औद्योगिक कटौती को लेकर फैसला किया जा चुका है।

अब औद्योगिक इकाइयों में शाम 6 से रात को 10 बजे तक बिजली का उपयोग कम हो, इस पर भी डिस्कॉम से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी लगातार निगरानी रखेंगे। जहां आवश्यकता पड़ेगी वहां फीडर से बिजली की सप्लाई भी रोकी जा सकेगी। डिस्कॉम ने हाल ही में प्रदेश की सभी औद्योगिक इकाइयों को शाम 6 से 10 के बीच 50 प्रतिशत कम लोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं। बिजली संकट (power crisis) को देखते हुए प्रदेश में अनावश्यक स्ट्रीट लाइट को बंद रखने पर विचार चल रहा है।

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राजवेस्ट को खनन की छूट

बिजली संकट के इस दौर में राज्य सरकार ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी यानी राजवेस्ट को भी उसके पावर प्लांट से बिजली उत्पादन के लिए लिग्नाइट खनन की छूट दे दी है। ये छूट 3 महीने के लिए दी गई है जिससे इन उत्पादन इकाइयों में बिजली का उत्पादन भी हो और प्रदेश को यह बिजली मिल सके। राजवेस्ट के पास 1080 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट है, जिसमें लिग्नाइट खनन के बाद अब बिजली का उत्पादन हो सकेगा।

खपत करने का हरसंभव उपाय

बिजली की बढ़ती मांग के बीच जयपुर डिस्कॉम के 6 जिलों में किसानों को दिन के बजाय रात में खेती के लिए बिजली दिए जाने का निर्णय किया गया था। डिस्कॉम ने इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से गुजारिश की थी कि उद्योगों में शाम 6 से रात 10 बजे तक जब पीक अवर होता है तब लोड कम करें। प्रदेश में बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बिजली की लगातार बढ़ती मांग और उत्पादन का अंतर है। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते अधिकतर औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद थे, लेकिन कोरोना का असर कम होने के बाद ये सभी प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाइयां अपनी पूर्ण क्षमता के साथ चलने लगी है। ऐसे में राजस्थान में पिछले साल की तुलना में इस बार 31 फीसदी बिजली की मांग बढ़ गई है।

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