PM Modi Presents 11 Pledges: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संवैधानिक मूल्यों की भावना के अनुरूप लोकसभा में 11 संकल्प पेश किए। लोकसभा में ‘भारत के संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा के दौरान बोलते हुए पीएम ने कहा कि संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि संविधान के 75 साल में देश की यात्रा के मूल में है।
PM Modi ने भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में India@2047 के पथ पर देश के लिए 11 संकल्प रखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और संविधान की 75 साल की यात्रा दुनिया के सबसे बड़े और महान लोकतंत्र की एक यादगार यात्रा है।
पीएम मोदी ने सदन (pm modi lok sabha speech) में “भारतीय संविधान की गौरवशाली यात्रा के 75 वर्ष” पर दो दिवसीय चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “देश के भविष्य के लिए संविधान की भावना से प्रेरित होकर मैं आज इस सदन के समक्ष 11 संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हूं। यदि प्रत्येक भारतीय अपने मूल कर्तव्यों का पालन करे, तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
PM Modi द्वारा सदन के समक्ष प्रस्तुत संकल्प
- नागरिक हो या सरकार, सभी को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
- हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिलना चाहिए, सबका साथ-सबका विकास।
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस होना चाहिए, भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकृति नहीं होनी चाहिए।
- देश के नागरिकों को देश के कानून, देश के नियमों, देश की परंपराओं का पालन करने में गर्व महसूस होना चाहिए।
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति होनी चाहिए, देश की विरासत पर गर्व होना चाहिए।
- देश की राजनीति को भाई-भतीजावाद से मुक्त किया जाना चाहिए।
- संविधान का सम्मान किया जाना चाहिए, संविधान को राजनीतिक स्वार्थ के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
- संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए, जिन्हें आरक्षण मिल रहा है, उनका आरक्षण नहीं छीना जाना चाहिए और धर्म के आधार पर आरक्षण देने के हर प्रयास को रोका जाना चाहिए।
- महिलाओं के नेतृत्व में भारत दुनिया के लिए एक मिसाल बने।
- राज्यों के विकास के माध्यम से राष्ट्र का विकास” हमारे विकास का मंत्र होना चाहिए।
- एक भारत, श्रेष्ठ भारत का लक्ष्य सर्वोपरि होना चाहिए।
‘सबका साथ, सबका विकास’ नारा नहीं आस्था है
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं है, यह हमारे लिए आस्था का विषय है। आने वाले दशकों में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमें लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना चाहिए। हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या परिवार आधारित राजनीति ने हमारे लोकतंत्र को कोई नुकसान पहुंचाया है, क्या हमें इसे बेहतर बनाने की दिशा में काम नहीं करना चाहिए?
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PM Modiने कहा कि राजनीति में ऐसे युवाओं को लाने की जरूरत है जिनका कोई पारिवारिक बैकग्राउंड न हो। सभी राजनीतिक दलों को बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड वाले नए लोगों को पार्टी में लाने के लिए काम करना चाहिए। संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण 106 मिनट से ज्यादा चला।