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PFI Banned: क्या है PFI और क्या है इसका काम ? क्यों लगाना पड़ा प्रतिबंध...जानें 10 बड़ी वजह...

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके 8 सहयोगी संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र सरकार ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी या मोर्चे गम्भीर अपराधों में शामिल पाए गए हैं, जिनमें आतंकवाद और इसके वित्तपोषण, लक्षित भीषण हत्याएं, देश के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना आदि शामिल हैं।

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क्या है PFI और क्या है काम?

दरअसल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI)केरल से संचालित होने वाला एक कट्टर इस्लामिक संगठन है, लेकिन यह खुद को पीडितों और वंचितों की आवाज बताता है। PFI 22 नवम्बर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों से मिलकर बना था । इसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसकी स्थापना कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD), केरल के नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) और तमिलनाडु के मनिता नीति पसरई (MNP) के एक संघ के रूप में की गई थी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया खुद को मुसलमानों के साथ-साथ वंचितों के हक में आवाज उठाने और उन्हें सशक्त बनाने वाला संगठन बताता है।

सरकार ने गिनाए PFI के 10 गुनाह

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों के गुनाहों को भी एक-एक करके गिनाया है। ये हैं वो 10 महत्वपूर्ण वजह, जिसके चलते पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है।

  1. गुप्त एजेंडे के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करना तथा देश के संवैधानिक प्राधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर प्रदर्शित करना।
  2. देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ माहौल तैयार करना। इससे देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने की आशंका है।
  3. संगठन के कार्यकलापों से देश में उग्रवाद को प्रोत्साहन मिलने की आशंका।
  4. पीएफआई के संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) से भी रहा है। ये दोनों संगठन प्रतिबंधित हैं।
  5. चोरी-छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय के कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए काम करना। इससे भय और दहशत का माहौल बनने की संभावना है।
  6. विदेशी स्रोतों जैसे बैंकिंग चैनल, हवाला और दान से धन प्राप्त करना और इसे गैरकानूनी गतिविधियों और आतंकी कामों में लगाना। इसी के चलते पीएफआई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
  7. पीएफआई और इसके सदस्यों का बार-बार हिंसक और विध्वंसक कार्यों में संलिप्त रहना। इसमें एक कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या करना शामिल है।
  8. देश के प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना।
  9. वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क रखने के उदाहरण जैसे इसके कुछ सदस्य आईएसआईएस में शामिल हुए हैं और सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान में आतंकी कार्यकलापों में भाग लिया हैं। इनमें से कुछ सदस्य इन संघर्ष क्षेत्रों में मारे गए और कुछ को राज्य पुलिस तथा केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है।
  10. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात राज्य सरकारों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने की अनुशंसा की है।

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