वॉशिंगटनः अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का पर्सिविरेंस रोवर शुक्रवार को मंगल ग्रह की धरती पर पहली बार 6.5 मीटर तक चला। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह अभियान करीब 33 मिनट तक चला जिसने रोवर को चार मीटर आगे बढ़ाया। यहां यह फिर 150 डिग्री पर बाईं ओर मुड़ गया और 2.5 मीटर तक पीछे अपने नए अस्थायी पार्किंग स्पेस में वापस आ गया।
नासा के अनुसार, पर्सिविरेंस रोवर को मंगल की सतह पर चलाकर वैज्ञानिक इसके हर पहलू – सबसिस्टम एवं गतिशीलता की जांच कर आश्वस्त होना चाहते थे। नासा ने कहा कि एक बार जब रोवर अपना ‘मिशन’ शुरू कर देगा तो इसके नियमित रूप से 200 मीटर तक चलने की उम्मीद है।
नासा ने एक बयान में कहा कि मिशन शुरू होते ही लाल ग्रह पर अभी तक एजेंसी के सबसे बड़े, सबसे उन्नत रोवर का पहला ट्रेक एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होगा। दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में पर्सिविरेंस रोवर मोबिलिटी टेस्ट इंजीनियर अनैस जरीफियन ने कहा कि जब यह अन्य ग्रहों पर पहिएदार वाहनों की बात आती है तो कुछ पहली बार होने वाली घटनाएं होती हैं जो कि पहली ड्राइव के महत्व को मापती हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए पहला मौका था कि हम पहियों को चलाने के साथ इसे कुछ दूरी तक ले जाएं। छह पहियों वाले रोवर की ड्राइव शानदार रही। हमें अब भरोसा है कि आगे हमारी ड्राइव बिल्कुल दुरुस्त रहेगी और अगले दो वर्षो तक यह मिशन से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराने में सक्षम होगा।
रोवर को पिछले साल 30 जुलाई को अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के केप कैनावेरल एयर फोर्स स्टेशन में स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 41 से लॉन्च किया गया था। यह 47.2 करोड़ किलोमीटर की 203-दिवसीय यात्रा के बाद 18 फरवरी को लाल ग्रह पर पहुंचा था।
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मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज करना इसका प्राथमिक मिशन है। साथ ही यह मंगल ग्रह के भूविज्ञान और पिछले जलवायु की विशेषताओं का पता लगाएगा। लाल ग्रह पर मानव अन्वेषण का मार्ग प्रशस्त करेगा।