60 दिन से हड़ताल कर रहे 178 मनरेगा कर्मचारियों ने सौंपा सामूहिक इस्तीफा

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रायपुर: दंतेवाड़ा जिले के आंवराभाटा स्थित दुर्गा मंच पंडाल में पिछले 60 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे 178 हड़ताली मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों ने (Mnrega employees) सामूहिक इस्तीफा विभाग प्रमुख को सौंप दिया है। इन मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हमें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े तीन साल बीतने के बावजूद भी इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई।

विदित हो कि दंतेवाड़ा में विगत 04 अप्रैल से अनवरत मनरेगा कर्मचारी (Mnrega employees) नियमितिकरण की मांग को लेकर धरना-प्रर्दशन कर रहे हैं। पिछले सालों में तीन हजार मनरेगा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति कर दी गई है, अथवा दबाव की वजह से उन्होंने काम छोड़ दिया है। लेकिन अब छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों (Mnrega employees) का कहना है कि इस प्रशासनिक शोषण को नहीं सहेंगे, यह केवल मनरेगा कर्मचारियों का संघर्ष नहीं है यह छत्तीसगढ़ में समस्त संविदा कर्मचारियों का संघर्ष है।

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जिले के आंवराभाटा स्थित दुर्गा मंच पंडाल में धरना प्रदर्शन कर रहे हड़ताली मनरेगा कर्मचारियों (Mnrega employees) ने शुक्रवार को बताया कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में हमें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े तीन साल बीतने के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया। कोरोना काल में हमने जान की परवाह किए बिना ग्रामीण मजदूरों को काम देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने बताया कि आम जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए 200 से ज्यादा मनरेगा कर्मचारियों की कोरोना काल में मौत हो गई, उन परिवारों की स्थिति आज काफी दयनीय है।

उन्होंने बताया कि लगातार हम अपनी मांगों को शासन-प्रशासन तक शांतिपूर्ण ढंग से पहुंचाते आए हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई, जिससे मनरेगा कर्मियों (Mnrega employees) में रोष है। इस वजह से 04 अप्रैल से प्रदेश भर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर है। मनरेगा कर्मचारियों ने आगे बताया कि हड़ताल के दौरान सरकार ने हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। प्रशासनिक अधिकारी सेवा समप्ति की धमकी देकर और डराकर हड़ताल को को कुचलने का प्रयास करते रहे, लेकिन पिछले 60 दिनों से हमारी हड़ताल जारी रही। उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से महासंघ यह बताना चाहता है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में पिछले 10-15 सालों से छत्तीसगढ़ को कई बार देश भर में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान मिल चुका है। देशभर में अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। कर्मचारी कम वेतन और किसी भी समय बर्खास्तगी के डर में काम कर रहे हैं।

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