गुवाहाटीः असम में स्थानीय लोगों ने सात अगस्त की देर रात मिजोरम पर लगायी गयी आर्थिक नाकेबंदी को वापस ले लिया है। इसके बाद असम से मिजोरम के लिए वाहनों की आवाजाही शुरू हो गयी है। अधिकारियों ने कहा कि दक्षिणी असम के कछार जिला अंतर्गत लैलापुर में फंसे नौ ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग-306 के जरिए मिजोरम के लिए रवाना हुए हैं। स्थानीय लोगों को 26 जुलाई को मिजोरम पुलिस कर्मियों और सशस्त्र नागरिकों द्वारा कथित रूप से गोलीबारी में असम के छह पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत के लिए न्याय का आश्वासन दिये जाने के बाद लोगों ने आर्थिक नाकेबंदी को वापस लिया है।
लैलापुर में मिजोरम की सीमा के निकट असम का अंतिम शहर है। ट्विटर के जरिए असम के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा है कि कछार जिला उपायुक्त, पुलिस के साथ असम मंत्रियों को परिवहन सुनिश्चित करने के लिए विरोध प्रदर्शन करने वाले स्थानीय लोगों और ट्रक ड्राइवरों के साथ शनिवार की शाम तक परिवहन व्यवस्था को बहाल करने के लिए चर्चा की गयी। ज्ञात हो कि असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा के बीच 26 जुलाई को असम के छह पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।
मीडिया से बात करते हुए सिंघल ने कहा कि जब हम शाम 05.30 बजे पहुंचे तो लैलापुर बॉर्डर पर ट्रक ड्राइवर एसोसिएशन के लोग वहां जमा हो गए थे। उन्होंने सभी से अपील की कि सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए अप्रमाणिक खबरें और अफवाहें न फैलाएं। उन्होंने कहा, मैं मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना को घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
सिंघल ने असम के पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य, जो स्थानीय विधायक भी हैं, कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली और पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर के साथ स्थानीय लोगों से शनिवार को मुलाकात की। जब बैठक चल रही थी उसी दौरान स्थानीय लोगों ने पथराव किया और मिजोरम जाने वाले कुछ ट्रकों में तोड़फोड़ की।
उन्होंने बताया कि बैठक समाप्त होने से पहले ही किसी कारण से वाहन चलना शुरू हो गये, जिसके चलते स्थानीय लोग नाराज हो गये। लैलापुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि लोगों को शांत करने के प्रयास तब तक निष्फल रहे जब तक एसपी ने बातचीत कर भीड़ को शांत नहीं किया।
यह भी पढ़ेंः-पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में दो और आरोपित गिरफ्तार, आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस
मिजोरम के ग्रामीण विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लालरुत्किमा ने नाकाबंदी हटाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने के लिए असम सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना जांच किट और अन्य जीवन रक्षक दवाओं को ले जाने वाले वाहन असम में फंसे हुए थे, जिससे हमारी सरकार को उपलब्ध स्टॉक के आधार पर कोरोना जांच में दिक्कत हो रही थी।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)