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अभी जेल में ही रहेंगे सिसोदिया, कोर्ट से नहीं मिली राहत, 8 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

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नई दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अदालत ने AAP नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 8 मई, 2024 तक बढ़ा दी। इस मामले की जांच ईडी कर रही है। पिछले हफ्ते, सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के लिए प्रचार करने के लिए दायर अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली थी। शुक्रवार को न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट की जज कावेरी बावेजा के सामने पेश किया गया।

सिसोदिया के वकील ने क्या कहा?

अदालत ने पिछली बार 30 अप्रैल के लिए सिसोदिया द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में जमानत मांगी है। इससे पहले ईडी ने सिसोदिया व अन्य आरोपियों पर मामले की सुनवाई में देरी करने का आरोप लगाया था। उनकी जमानत याचिका के समर्थन में, सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने जांच पूरी करने में देरी के खिलाफ तर्क दिया। उन्होंने दावा किया कि मामले में उनके मुवक्किल को कथित रिश्वत राशि से जोड़ने का कोई सबूत नहीं मिला है।

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मुकदमे में देरी को लेकर क्या कहा गया

मोहित माथुर ने कहा कि यह साबित नहीं हुआ है कि अपराध की कथित कमाई से सरकारी खजाने को कोई नुकसान हुआ है। मुकदमे में देरी के बारे में उन्होंने कहा कि सिसोदिया को अदालत जाने की इजाजत देने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश छह महीने पुराना है और अब तक जांच पूरी हो जानी चाहिए थी। मामले में अन्य आरोपी बेनॉय बाबू की जमानत का हवाला देते हुए माथुर ने उनकी जमानत के लिए तर्क दिया था कि सिसोदिया अब कोई प्रभावशाली पद पर नहीं है

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