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बिहार में जारी जोड़-तोड़ की राजनीति

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लखनऊः बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कई राजनीतिक पार्टियां मैदान में हैं। प्रत्याशियों के नाम तय करने के साथ ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। नेताओं ने प्रतिद्वंद्वी पार्टी को कमजोर करने के लिए अपनी तरकस के तीर निकालने शुरू कर दिए हैं। इसमें बड़ी चोट बहुजन समाज पार्टी को लगी है। यहां बसपा प्रमुख मायावती ने जिसे प्रदेश की बागडोर दी थी, वह खुद ही आरजेडी की नाव पर बैठ गए हैं। बिहार बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए तेजस्वी यादव से हाथ मिलाया है।

दरअसल, बिहार में जोड़-तोड़ की राजनीति कोई नई बात नहीं है। इससे पहले आरएलएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भी आरजेडी में शामिल हो चुके हैं। लोक समता पार्टी को भी आरजेडी ने तगड़ा झटका दिया था। इनके प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चैधरी ने आरजेडी का दामन थाम लिया था। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह की मौजूदगी में भूदेव चैधरी ने आरजेडी की सदस्यता ली थी। तेजस्वी यादव ने अपने आवास पर भूदेव चैधरी को पार्टी में शामिल कराया था।

सियासत के बीच भरत बिंद ने कहा कि नया बिहार बनाने और भ्रष्ट तथा युवा विरोधी सरकार को हटाने के संकल्प के साथ वह आरजेडी में शामिल हुए हैं। माना जा रहा है कि बिहार चुनाव से ठीक पहले बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष के आरजेडी में जाने से पार्टी की चुनावी तैयारी जरूर प्रभावित होगी। तेजस्वी यादव की उपस्थिति में बिहार बीएसपी प्रमुख भरत बिंद आरजेडी में शामिल हुए और उन्होंने इशारा किया कि अभी और झटके दिए जा सकते हैं।

बताया जा रहा है कि 243 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद कुल 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस 70 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी। इसके अलावा जदयू 122 व भाजपा 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जदयू और भाजपा ने अपने-अपने कोटे से हम और वीआईपी पार्टी को सीटें दी हैं।

बीएसपी में उथल-पुथल के बीच माना जा रहा है कि कुछ लोग और इधर से उधर हो सकते हैं। बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ गठबंधन कर बीएसपी ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसमें आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तय किए गए थे।

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इसी कड़ी में पप्पू यादव की जाप पार्टी ने मुस्लिम लीग के साथ तालमेल की घोषणा की हैं और उनका प्रयास हैं कि या तो अन्य दल उन्हें अपने साथ लें या उनके गठबंधन में शामिल हो जाएं। पिछले चुनाव में पप्पू यादव ने 109 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन किसी को भी जीत हासिल नहीं हुई थी। इसके अलावा पूर्व सांसद देवेंद्र यादव ने ओवैसी के एआईएमआईएम के साथ गठबंधन की सबसे पहले घोषणा की है।