नई दिल्ली: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि सरकार संसद में लोकतंत्र की हत्या कर रही है और विपक्षी सदस्यों को गलत तरीके से निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने तय किया है कि निलंबित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे। खड़गे ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा विपक्षी सदस्यों का निलंबन नियम के विरुद्ध और संविधान के अनुच्छेद 85 के खिलाफ है। हम लगातार सभापति से सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार राजी नहीं हो रही।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि निलंबन के लिए जो कारण गिनाए गए हैं वैसा कुछ हुआ ही नहीं है लेकिन जबरदस्ती आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 12 सदस्यों का निलंबन सरासर गलत है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को सदन चलाना चाहिए और विपक्ष सहयोग करने को तैयार है। किंतु, पहले सदस्यों का निलंबन वापस लेना होगा।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के त्रिची शिवा ने कहा कि सरकार को सदस्यों का निलंबन वापस ले लेना चाहिए। क्योंकि सदस्यों के खिलाफ जो कार्रवाई की गई है वह पिछले सत्र की घटना को आधार बनाकर की गई है।
शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि विपक्ष सदस्यों के निलंबन पर एक है। न हम डरेंगे और न झुकेंगे। उन्होंने कहा कि सदस्यों का माफी मांगने का सवाल ही नहीं है क्योंकि उन्हें गलत तरीके से निलंबित किया गया है। एकजुट विपक्ष निलंबित सदस्यों के समर्थन में उनके साथ धरने में भी शामिल हुआ।
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को राज्यसभा से 12 सांसदों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। पिछले मानसून सत्र में सदन में अनियंत्रित व्यवहार और आसन की मर्यादा का उल्लंघन करने और सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी की वजह से इन सासंदों को निलंबित किया गया। निलंबित सांसदों में कांग्रेस के 6, शिवसेना के 2, तृणमूल कांग्रेस के 2, माकपा और भाकपा के एक-एक सांसद शामिल हैं।
यह भी पढ़ेंः-आधी आबादी को लुभाने के लिए प्रियंका गांधी ने जारी किया घोषणा पत्र, किए ये बड़े ऐलान
निलंबित सांसद संसद भवन परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरनारत हैं। उनका कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निलंबित किया गया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गत सोमवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात कर 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग की थी। सदस्यों के निलंबन के कारण उच्च सदन में गतिरोध लगातार जारी है। विपक्षी सदस्यों के हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही सुचारू ढ़ंग से नहीं चल पा रही।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)