उत्तर प्रदेश क्राइम

लैपटॉप हैक कर लगते थे करोड़ों का चुना, पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 9 को दबोचा

    Lucknow crime: मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने विदेशों में ईमेल ब्लास्टिंग कराकर वहां से अपने टीएफएन-डीआईडी पर कॉल प्राप्त करके उसे अपने वीओआईपी एप पर डायवर्ड कराकर माइक्रोसॉफ्ट विन्डो, पेपाल, नॉरटॉन, एंटीवायरस आदि का सब्सक्रिब्सन रिन्यू कराने के नाम पर कम्प्यूटर और लैपटॉप को रिमोट पर लेकर करोड़ों की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित नौ अभियुक्तो को राजधानी के राम बिहार कॉलोनी सेक्टर 14 मकान नम्बर 15 इन्दिरा नगर से गिरफ्तार कर लिया गया।

विविध सामग्री बरामद

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान कोलकाता निवासी अर्तुल्यान मतीन खान, खालिद रजा, दीपक जायसवाल (मूल निवासी जौनपुर), बख्तीयार अली, शोएब, मुदस्सिर आलम, जिशान खान व अयोध्या निवासी अर्पित मौर्या, कोटा राजस्थान निवासी विशाल मीना के रूप में हुई। इनके पास से एक पेन ड्राइव बरामद की गई जिसमें लगभग 30 लाख का डाटा जो कि आस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैण्ड, यूके, यूएसए व भारत के नागरिकों के थे जिनका उपयोग धोखाधड़ी के लिए होना था। इसके अलावा धोखाधड़ी में उपयोग आने वाली अन्य सामग्री भी बरामद की गई। यह भी पढ़ें-खोखला निकला कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र, पूरे नहीं हुए कोई वादे-जयराम ठाकुर

फर्जी कॉल सेंटर की आड़ में ठगी

एसटीएफ की टीम ने मंगलवार को इंदिरा नगर के सेक्टर 14 में एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर उपरोक्त संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। पूछताछ मे गिरोह के मास्टरमाइंड विशाल मीना उर्फ मंजीत ने बताया कि वह अपने साथी जिशान खान के साथ फर्जी काल सेन्टर चला रहा है। काल सेन्टर में विशाल और जिशान के अतिरिक्त मुदसिर आलम, करतून मतीन खान, शवाज जीमल, खालिद रजा, दीपक जयसवाल, वख्तियार अली, शोयव मोहमम्द सन्दीप मौर्या कॉलर के रूप में कार्य करते हैं। कालरों द्वारा जिशान खॉ व विशाल मीना के कहे अनुसार विदेशी लोगों को काल की जाती है व रिसीव की जाती है। जब काल मिच्योर हो जाती हैं। तब सेन्टर हेड जिशान खान व विशाल मीना द्वारा आगे का प्रोसेस किया जाता है। काल से सम्बन्धित सभी इलेक्ट्रानिक उपकरण, मोबाइल, सिम विशाल मीना द्वारा हमे उपलब्ध कराया गया है।

जिशान पहले कोलकाता में कॉल सेंटर पर कर चुका है काम

जिशान खान इससे पहले कोलकाता में काल सेन्टर का काम करता था। इसके बाद इन लोगों द्वारा लखनऊ में काल सेन्टर खोलकर बिना रजिस्ट्रेशन के वर्ष 2022 में रामबिहार कालोनी सेक्टर 14 इन्दिरानगर में किराये का मकान लेकर फर्जी काल सेन्टर चलाने लगे। यू0एस0 के लोगों की ई-मेल आई0डी0 पर ई-मेल ब्लास्टिंग करवाकर अपने कालरों के मोबाइल पर काल फर्जी तरीके से लेते थे। प्रत्येक काल के लिये निखिल और राहुल दा व रॉकीराजूसेठ वाट्सएप यूजर नाम के व्यक्तियों को 200 से 220 रुपये प्रति काल के हिसाब से पेमेन्ट करते हैं। ई-मेल ब्लास्टिंग में भेजे गये मेल पर इनके द्वारा प्रदर्शित किया सम्पर्क नम्बर पर यू०एस० के लोगों द्वारा काल किया जाता है। यू०एस० के लोगों द्वारा काल किये जाने पर टी०एफ०एन० व डी०आई०डी० के जरिये काल को अपने वीओआईपी नम्बरों पर डायवर्ट करके उपरोक्त वीओआईपी एप पर काल लैंड करा लेते हैं। जिसे इनके कालर रिसीव करते है। इनके कालरों द्वारा यू०एस० कस्टमर को बोला जाता है कि आपके द्वारा एंटीवायरस जो रिन्यू कराया गया है। आपके मेल पर नोटिफिकेशन गया हुआ है। (जो कि इनके द्वारा ही फर्जी तरीके से उक्त कस्टमर को भेजा गया होता है।) इस पर जब कस्टमर द्वारा किसी भी सर्विस को न लिये जाने की बात कहते हुये उक्त सर्विस को तत्काल बन्द करने का आग्रह किया जाता है तो इनके कालरो द्वारा सिनियर से बात करने को कहकर काल ट्रांसफर कर दी जाती है। इसके बाद यूएस के कस्टमरों को एंटी वायरस आदि के सब्सक्रिब्सन रिन्यू करने के नाम पर उनके सिस्टम को एप व वेब साइट के माध्यम से रीमोटली लेकर उन्हें धोखे में रखकर ठगी कर लेते थे। ठगी के बाद वर्चुअल नम्बर बदल देते थे। ठगी के रूपये को अपने जानकारों के एकाउंट में मंगा लेते थे। (रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ) (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)