नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष की ओर से पहले वक्ता के तौर पर बोलते हुए राहुल गांधी ने अडानी मुद्दे को उठाते हुए, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। बीजेपी ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर बिना किसी सबूत के हवा में आरोप लगाने पर उनसे माफी की मांग की।
अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने देश के अंदर और देश के बाहर अडानी समूह को फायदा पहुंचाने का काम किया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने एक के बाद एक कई आरोप लगाए और आरोप लगाया कि शेल कंपनियों से आने वाला पैसा भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और भारत सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। राहुल गांधी के भाषण के दौरान अलग-अलग मौकों पर खड़े होकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, किरण रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल के अलावा बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद और निशिकांत दुबे समेत कई अन्य नेताओं ने भी लोकसभा में कड़ी आपत्ति जताई।
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प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी झूठे आरोप लगा रहे हैं, उन्हें सबूत के साथ बोलना चाहिए। किरण रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी सदन के बाहर कुछ भी कहें, उन्हें रोका नहीं जा सकता, लेकिन सदन के अंदर उन्हें पूरी जिम्मेदारी, गंभीरता, सबूत और तथ्यों के साथ बोलना चाहिए। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी बिना किसी सबूत के हवा में अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं, इसके लिए उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए। रविशंकर प्रसाद और निशिकांत दुबे ने भी राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह गलत और झूठा बताते हुए उन्हें साबित करने की चुनौती दी। वहीं प्रसाद ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि वह अभी भी भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में जमानत पर बाहर हैं। निशिकांत दुबे ने पिछली कांग्रेस सरकारों पर बिड़ला, डालमिया और टाटा बनाने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं को बड़ी समस्या बताते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गृह मंत्रालय और एनएसए अजीत डोभाल ने देश की सेना पर अग्निवीर योजना थोपने का काम किया है, जो देश में एक बड़ी समस्या पैदा कर देगी। क्या केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय खड़े होकर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने की कोशिश कर सकते हैं। राहुल गांधी के भाषण के दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान कांग्रेस सांसदों के अलावा DMK, TMC और BSP के कई सांसद भी लोकसभा में राहुल गांधी का समर्थन करते नजर आए।
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