Thursday, November 21, 2024
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Homeअन्यसंपादकीयभारतीय क्रिकेट में शुरू हुआ ‘गंभीर युग’

भारतीय क्रिकेट में शुरू हुआ ‘गंभीर युग’

भारतीय क्रिकेट में अब गंभीर युग आरंभ हो गया है। पिछले 29 जून को बारबाडोस में टी-20 विश्व कप जीतने के साथ ही टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो गया था। किसी नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी मिलनी ही थी। 09 जुलाई को बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के नाम का ऐलान कर दिया। गंभीर के बारे में पुख्ता दावा भी किया जा रहा था। उनकी टक्कर का कोई और उम्मीदवार मैदान में नहीं था। महिला टीम के कोच रह चुके डब्ल्यू वी रमन का नाम भी चर्चा में आया था लेकिन गंभीर उन पर भारी पड़ गए। दरअसल, 26 मई को जब कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने आईपीएल-2024 का खिताब जीता, उसके बाद से गौतम गंभीर के कोच बनने की चर्चा तेज हो गई थी।

वह कोलकाता टीम के मेंटोर थे। इस सफलता ने भारतीय टीम के कोच पद के लिए उनकी दावेदारी को मजबूत कर दिया। इससे पहले आईपीएल में दो बार 2012 और 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स को चैम्पियन बना कर गौतम ने साबित कर दिया था कि वह एक कुशल रणनीतिकार हैं। तब वह इस टीम के कप्तान थे। इस सत्र में फिर उन्होंने केकेआर को चैम्पियन बनवा दिया। हालांकि, इस बार उनकी भूमिका एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि मेंटोर की थी। 2022 और 2023 में वह लखनऊ की टीम के साथ जुड़ गए थे। यहां भी उनकी भूमिका मेंटोर की ही थी। इन दोनों ही सत्रों में लखनऊ की टीम प्लेऑफ में पहुंची थी। इससे भी गौतम गंभीर के पक्ष में माहौल बनां।

गंभीर का स्वभाव आक्रामक खिलाड़ी का रहा है। राहुल द्रविड़ की तरह वह शांत प्रकृति के इंसान नहीं हैं। वह अपनी बात मुखर होकर रखना जानते हैं। जब वह लखनऊ सुपर जाएंट्स के साथ थे, तो एक बार बेंगलुरू टीम के सीनियर खिलाड़ी विराट कोहली के साथ इकाना स्टेडियम में उनका पंगा हो गया था। यह घटना 2023 के आईपीएल सत्र की है। लखनऊ टीम के गेंदबाज नवीन-उल-हक के साथ किसी बात पर कोहली की बहस हो गई। इसमें गंभीर ने नवीन का साथ दिया। इस वजह से दोनों के बीच काफी दिनों तक तनातनी रही। हालांकि, अब यह कड़वाहट दूर हो गई है। इसी तरह 90 के दशक में एक टेस्ट मैच के दौरान जब गंभीर भारतीय टीम के ओपनिंग बल्लेबाज थे, तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी के साथ उनकी कहासुनी हो गई थी।

इससे पता चलता है कि वह गर्म मिजाज के इंसान हैं। अब यह देखना होगा कि भारत के कोच के रूप में गौतम कितने सफल हो पाते हैं। कभी हार नहीं मानने के जज्बे के कारण भारतीय क्रिकेट में उनकी अलग पहचान है। उन्हें अपनी शर्तों पर काम करने वाला इंसान माना जाता है। अब जबकि वह मुख्य कोच बन गए हैं, तो उनके लिए खुला आकाश है। वह कह चुके हैं कि ‘भारत मेरी पहचान है और अपने देश की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात है। मेरा लक्ष्य हर भारतीय को गौरवान्वित करना है।‘ हम उम्मीद करते हैं कि गौतम गंभीर अपने अभियान में कामयाबी हासिल करेंगे।

कोच के रूप में कई चुनौतियां हैं सामने

गौतम गंभीर भारतीय टीम के नए कोच बन गए हैं। टीम में यह काफी अहम पद होता है। मैच से पहले और मैच के दौरान कप्तान के साथ बातचीत करके रणनीति बनाने में कोच की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। हालांकि, जय शाह ने कहा है कि ‘गंभीर एक कड़े प्रतिस्पर्धी और शानदार रणनीतिकार रहे हैं। हमें विश्वास है कि वह बतौर मुख्य कोच अपनी भूमिका में वही दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता दिखाएंगे।‘ उनके पास आईपीएल का विशाल अनुभव है। गौतम गंभीर का कार्यकाल साढ़े तीन साल यानी 2027 के वनडे विश्व कप तक रहेगा। इससे पहले 2026 का टी-20 विश्व कप भारत में ही होगा। अगले साल यानी 2025 के आरंभ में पाकिस्तान में चैम्पियंस ट्राफी का आयोजन है। जून 2025 में आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल होना है, जिसमें भारत के खेलने की पूरी उम्मीद बन रही है। नए कोच के लिए ये बड़ी प्रतियोगिताएं एक चुनौती की तरह पेश आएंगी। भारत पूरी कोशिश करेगा कि दो साल बाद टी-20 का विश्व खिताब देश के पास ही रहे। नवंबर 2023 में वनडे विश्व कप में मिली पराजय का गम दूर करने के लिए 2027 में भारत को कमर कसना होगा। उसके बाद गंभीर का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

गौतम गंभीर उस भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं, जिसने आईसीसी की दो बड़े टूर्नामेंट जीते हैं। दोनों ही बार कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी रहे हैं। 2007 में टी-20 का विश्व कप भारत ने जीता। इस प्रतियोगिता में बतौर सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद 2011 में वनडे विश्व कप भारत में खेला गया। इसे भी टीम इंडिया ने धमाकेदार अंदाज में अपने नाम कर लिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जब श्रीलंका के साथ फाइनल मुकाबला हुआ, तो गंभीर ने एक छोर संभालते हुए 97 रनों की शानदार पारी खेली थी। वह बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज रहे हैं। उनकी पारी की बदौलत भारतीय टीम ने जीत का मार्ग प्रशस्त किया था।

भारत जब विश्व चैम्पियन बन गया तो इसका श्रेय कप्तान धोनी को दिया जाने लगा। इस पर गंभीर ने आपत्ति जताई थी। राहुल द्रविड़ और उनके स्वभाव में बहुत अंतर है। द्रविड़ ने मैदान के सारे फैसले कप्तान रोहित शर्मा पर छोड़ दिया था लेकिन गौतम गंभीर ऐसा नहीं होने देंगे। इसके अलावा द्रविड़ पुराने और अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा करते थे, जबकि गंभीर युवाओं को मौका देने के हिमायती हैं। गंभीर का जन्म 14 अक्टूबर 1981 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने वर्ष 2004 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। 2008 तक उनका करियर उतार-चढ़ाव वाला रहा। इस बीच पहले 17 टेस्ट में वह केवल एक शतक लगा सके, मगर इसके बाद अगले 14 टेस्ट मैच में उनके बल्ले से आठ शतक निकले। गंभीर ने वीरेन्द्र सहवाग के साथ मिलकर भारत की सलामी जोड़ी को नया आयाम दिया। न्यूजीलैंड दौरे में उनका प्रदर्शन बहुत शानदार रहा था।

बदलाव के दौर गुजर रही है टीम

भारतीय टीम के तीन प्रमुख खिलाड़ियों ने टी-20 विश्व कप के बाद इस छोटे प्रारूप से संन्यास का ऐलान कर दिया है। कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा अब भारत के लिए टी-20 खेलते हुए नहीं दिखेंगे। इनकी जगह कौन लेगा, यह एक अहम सवाल है। इन तीनों की जगह भरना आसान नहीं है। इस कारण निकट भविष्य में टीम में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वैसे इस समय आईपीएल की वजह से कई प्रतिभाशाली युवा सामने आए हैं। ये लड़के हाल में ही जिम्बाब्वे दौरे पर गए थे और वहां 4-1 से सीरीज जीत कर लौटे हैं। सूर्यकुमार यादव टी-20 के नए कप्तान बन गए हैं।

हालांकि, हार्दिक पांड्या का दावा मजबूत माना जा रहा था क्योंकि वह विश्व कप में उप कप्तान भी थे लेकिन फिटनेस कारणों की वजह से सूर्या पर गंभीर ने ज्यादा भरोसा जताया है। इसके अलावा शुभमन गिल को टी-20 और वनडे दोनों के लिए उपकप्तान की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। वैसे जहां तक सलामी जोड़ी का सवाल है तो रोहित शर्मा की जगह यशस्वी जायसवाल का आना तय है और शुभमन गिल उनके जोड़ीदार हो सकते हैं। विराट की जगह पर रिंकू सिंह को लाना उचित रहेगा। यह युवा विश्व कप टीम के साथ सुरक्षित खिलाड़ी के तौर पर अमेरिका और वेस्टइंडीज गया था। रवींद्र जडेजा की जगह लेने के लिए वाशिंगटन सुंदर का नाम सामने है। सुंदर ने जिम्बाब्वे दौरे में अपनी छाप छोड़ी है। वह आलराउंडर की भूमिका के साथ अवश्य न्याय कर सकते हैं।

कप्तानों के साथ बिठाना होगा तालमेल

टीम इंडिया में नए कप्तान की तलाश भी आरंभ हो चुकी है। तीनों फार्मेट में अलग-अलग कप्तान नियुक्त करने की परंपरा बन गई है। रोहित शर्मा 37 साल के हो चुके हैं। उनकी जगह भविष्य का कप्तान होगा, इसे लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। टी-20 से उनके संन्यास लेने के बाद सूर्यकुमार यादव को कप्तानी सौंप दी गई है। इसी तरह वनडे और टेस्ट मैचों के लिए केएल राहुल या जसप्रीत बुमराह के नाम पर विचार हो रहा है। आईपीएल में कोलकाता टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर का नाम भी चल रहा है। जाहिर है कि नए कोच गौतम गंभीर श्रेयस को कप्तान बनाना चाहेंगे। कोच और कप्तान के बीच बेहतर तालमेल से ही सफलता मिलती है।

ऐसे में देखना होगा कि गंभीर क्या रणनीति अपनाते हैं। श्रीलंका रवाना होने से पहले आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में गौतम गंभीर ने टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ को लेकर बड़ी जानकारी दी। गंभीर ने कहा कि पूर्व भारतीय ऑलराउंडर अभिषेक नायर और नीदरलैंड्स के दिग्गज रयान टेन डोशेट श्रीलंका दौरे पर असिस्टेंट कोच की भूमिका निभाएंगे। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर साईराज बहुतुले इस टूर पर अंतरिम गेंदबाजी कोच होंगे., जबकि टी. दिलीप फीलिं्डग कोच के तौर पर श्रीलंका जाएंगे। गंभीर ने कहा कि कोचिंग स्टाफ का सार यही है लेकिन हम श्रीलंका दौरे के बाद इसे अंतिम रूप देंगे।

आदर्श प्रकाश सिंह

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