रायपुर: प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आज (बुधवार) को एस्मा (ESMA on health workers in Chhattisgarh) लगाए जाने के खिलाफ जल सत्याग्रह करने का ऐलान किया है। भूपेश सरकार ने हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए एस्मा लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों की हड़ताल तोड़ने के लिए एस्मा (ESMA on health workers in Chhattisgarh) लागू किया है। इस आदेश के खिलाफ अब सभी कर्मचारी दूसरे जिलों से बड़ी संख्या में पहुंचे संविदा कर्मचारियों के साथ नवा रायपुर के तूता में जल सत्याग्रह करेंगे। संविदा कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेंद्र तिवारी ने देर रात एक वीडियो जारी कर इसके विरोध में जल सत्याग्रह करने का एलान किया। सभी कर्मचारी आज जल सत्याग्रह कर अपना विरोध जताएंगे।
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आदेश को बताया तानाशाही रवैया
राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महासचिव अश्वनी गुड़ेकर ने एस्मा (ESMA on health workers in Chhattisgarh) के आदेश को तानाशाही रवैया बताया है। उन्होंने कहा है कि इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग का कार्य भी सदैव आवश्यक सेवा के अंतर्गत आता है। इसलिए एस्मा लगाना उतना प्रभावी नहीं होगा। इसको लेकर कर्मचारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे ने कहा कि 2022 की 76 दिनों की मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को भी सिर्फ आश्वासन देकर तोड़ दिया गया। आज तक उन वादों पर अमल नहीं हुआ।
राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा मंगलवार देर रात मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार ‘लोक स्वास्थ्य’ (छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) से संबंधित सभी कार्यों में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एम्बुलेंस सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से काम करने से मना करने पर रोक लगा दी गयी है।
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