फतेहाबाद: जिले के निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के उपचार के दौरान आ रही ऑक्सीजन समस्या को लेकर आईएमए के सदस्य देर रात एडीसी से मिलने उनके निवास पर पहुंचे लेकिन एडीसी द्वारा इस समस्या को लेकर एसडीएम से मिलने की बात कही। बाद में रात को एसडीएम और निजी अस्पताल के चिकित्सकों के बीच करीब एक घंटे तक बैठक चली, जिसमें आईएमए सदस्यों ने ऑक्सीजन की कमी को दूर करने की मांग की गई।
इसके बाद गुरुवार सुबह एडीसी डॉ. मुनीष नागपाल ने लघु सचिवालय के सभागार में आईएमए, जिला के निजी अस्पतालों के संचालक व प्रतिनिधियों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। एडीसी ने कहा कि जिला के निजी अस्पताल नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाएं तथा सरकार व प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी हिदायतों की पालना अवश्य करें। कोरोना के संक्रमण से बचाव में अपना अपेक्षित सहयोग दें। मानवता के नाते भी जरूरतमंद व्यक्तियों की निःस्वार्थ भाव से मदद करने के लिए आगे आएं।
अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मनीष नागपाल ने कहा कि कोरोना महामारी को भगाने तथा कोरोना के संक्रमित मरीजों को बचाना हम सबका नैतिक कर्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व सरकार सतर्क है। स्वास्थ्य विभाग व निजी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर भी अपनी नैतिक जिम्मेवारी निभाते हुए कोरोना के संक्रमित व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर इलाज करें और सरकार की हिदायतों का पालना करना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर निजी अस्पतालों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि निर्धारित बेड से ज्यादा कोई भी अस्पताल मरीजों को भर्ती ना करें, इसकी भी निगरानी की जाए। एडीसी ने कहा कि जिला में मौजूदा एक्टिव केसों के लक्षणों के आधार पर ऐसे लोगों को चिन्हित करें, जिन्हें आईसीयू और ऑक्सीजन वेंटिलेटर की आवश्यकता है।
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उन्होंने कहा कि हाई स्कोर वाले कितने केस है, ऐसा डाटा आने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक प्लान के अनुसार उन मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि 98 प्रतिशत मरीज ठीक हो रहे हैं। कम लक्षण वाले मरीज आइसोलेशन में रहकर अपने आप को स्वस्थ कर रहे हैं। केवल गंभीर मरीजों को ही आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध करवाया जाए।