Saturday, December 14, 2024
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Maa Durga Aarti: नवरात्रि पर पूजा के समय रोजाना जरूर करें ये आरती, प्रसन्न होंगी मां भगवती

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नई दिल्लीः चैत्र नवरात्रि का आज (बुधवार) का प्रथम दिन है। यह दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री को समर्पित है। इस दिन घटस्थापना के साथ ही विधिवत माता शैलपुत्री की आराधना की गयी। चैत्र नवरात्रि का समापन 30 मार्च (गुरूवार) को होगा। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साधक नौ दिन व्रत कर माता रानी को प्रसन्न करते हैं और भक्त वत्सल मां भगवती व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। नवरात्रि व्रत के नियम बेहद कठोर होते हैं। जो भी भक्त नौ दिन का उपवास करते हैं। उन्हें हर दिन पूजा के समय दुर्गा शप्तसती, श्रीदुर्गा चालीसा के पाठ को करने के बाद आरती जरूर करनी चाहिए। अगर आप भी मां दुर्गा के कृपापात्र के आकांक्षी हैं तो व्रत कर रोजाना ये आरती जरूर करें-

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श्रीदुर्गा जी की आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी

माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥

शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥

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ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुरूख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥

भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर-नारी॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥

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