महोबाः उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान हैं। पहाड़ों में ब्लास्टिंग (खनन) के चलते खेत बंजर हो रहे हैं और लगातार उड़ रही धूल से ग्रामीणों के बीमार पड़ने का खतरा बना हुआ है। ब्लास्टिंग के कारण किसानों को लंबे समय से खेती में नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने इसकी जांच कराने और माइनिंग कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बंजर रहे खेत
जिले के विकास खंड कबरई के ग्राम गंज के ग्रामीणों का कहना है कि गांव की समस्याओं को जिम्मेदारों द्वारा लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। उपेक्षा के कारण गांव की समस्याएं विकराल होती जा रही हैं। गंज गांव के संतोष त्रिपाठी, चंद्रपाल राणा, प्रदीप त्रिपाठी, महेंद्र कुमार भरत द्विवेदी, घसीटा कुशवाह समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के पहाड़ों पर अवैध रूप से हैवी ब्लास्टिंग हो रही है, जिससे उनके घर भी हिल रहे हैं। ब्लास्टिंग से पत्थर उछलकर उनके खेतों तक पहुंच रहे हैं। धूल के कारण खेत बंजर हो रहे हैं और ग्रामीण बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
नियमों को ताख पर रखकर हो रहा काम
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के आसपास दर्जनों क्रशर संचालित हो रहे हैं। जहां दिनभर धूल उड़ती रहती है। एनजीटी के निर्देशानुसार क्रशरों में कार्य अवधि के दौरान स्प्रिंकलर चलाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अधिकांश क्रशरों में स्प्रिंकलर बंद नजर आ रहे हैं। जिससे धूल के गुबार उड़ते रहते हैं और वहां से निकलने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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इन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने खनिज विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण अवैध हैवी ब्लास्टिंग और इन क्रशरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते ये सभी क्रशर एनजीटी के नियमों को धता बताकर संचालित हो रहे हैं। यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और ग्रामीण बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।