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सीएम योगी बोले-उत्तर प्रदेश में स्थापित होंगे 10 नए ऑक्सीजन प्लांट

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू है। इसके बावजूद प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर शीघ्र 10 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इस कार्य में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए स्थान चिन्हित करके आज से ही युद्धस्तर पर कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है। इस पूरी कार्यवाही पर स्वास्थ्य मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को नजर रखने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-11 के साथ वर्चुअल बैठक में कोविड मरीजों की चिकित्सकीय सुविधा को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि लखनऊ स्थित अवध शिल्प ग्राम में एचएएल के सहयोग से एक नया सभी सुविधाओं वाला कोविड हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग एचएएल से समन्वय स्थापित कर इसे तत्काल चालू करे। उन्होंने बताया कि रविवार को घोषित साप्ताहिक बन्दी कोविड संक्रमण का प्रसार कम रखने के लिए लागू किया जा रहा है। सभी जनपदों में इसे प्रभावी बनाया जाए। इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं हो सकेंगी। अभ्यर्थी प्रवेश पत्र दिखाकर आवागमन कर सकेंगे। सार्वजनिक परिवहन आधी क्षमता के साथ संचालित किए जाएं। साप्ताहिक बन्दी के दौरान औद्योगिक इकाइयों को बन्दी से छूट होगी। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं तथा आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, जनरल ओपीडी का संचालन स्थगित किया जाए। टेलीमेडिसिन को प्रोत्साहित किया जाए, ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि साप्ताहिक बन्दी के दौरान शादी-विवाह आदि के पूर्व निर्धारित कार्य कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए सम्पन्न होंगे। बंद हॉल में अधिकतम 50 एवं खुले मैदान पर होने वाले आयोजनों में अधिकतम 100 लोग ही उपस्थित हो सकते हैं। इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए। उन्होंने सभी जनपदों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनवरत आपूर्ति बनाये रखने के निर्देश दिये है। ऑक्सीजन उपलब्धता की दैनिक समीक्षा करें। उन्होंने सभी जिलों में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की संख्या बढ़ाए जाने का निर्देश दिया। एल-2 व एल-3 स्तर के अस्पतालों की संख्या में लागातर बढ़ोतरी की जाए। कहीं भी बेड की कमी कतई न हो। अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री के स्तर से इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दर में बढ़ोतरी हो रही है। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।