मुख्य सचिव व डीजीपी ने बाबा विश्वनाथ धाम पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं की ली जानकारी

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वाराणसी: आगामी सावन माह में श्री काशी पुराधिपति के दरबार में सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर रविवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान ने स्थानीय अफसरों के साथ मंथन कर दिशा निर्देश दिया। बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के स्वर्णिम गर्भगृह में मुख्य सचिव और डीजीपी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दर्शन पूजन कर जलाभिषेक किया। इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम (Baba Vishwanath) का निरीक्षण किया।

मुख्य सचिव और डीजीपी ने जल मार्ग से ललिता घाट पहुंचे जहां से वह घाट की व्यवस्था को देखते हुए धाम में आये। अफसरों ने श्रद्धालुओं के आने जाने के मार्ग और उनके लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं पर अधिकारियों से जानकारी मांगी। धाम के मीटिंग हॉल में अफसरों के साथ सावन की तैयारियों की समीक्षा आला अफसरों ने की। बैठक में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में सावन माह में श्रद्धालु गंगा जल लेकर बाबा का जलाभिषेक कर सकते हैं। इसके अलावा पूर्व की व्यवस्था भी लागू रहेगी। मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल, मैटिंग के अलावा उनको सुगमता से दर्शन हो सके इसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किया जाएगा।

मंडलायुक्त ने बताया कि गोदौलिया मैदागिन दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने जाने का मार्ग तय कर दिया गया है। इसमें जो जिस मार्ग से प्रवेश करेगा दर्शन करने के पश्चात वह उस मार्ग की ओर ही निकल जाएगा। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने विश्वनाथ मंदिर (Baba Vishwanath) में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिस जिस मार्ग से श्रद्धालुओं को आना है उस मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए ही तय कर दिया जाएगा। इसके अलावा जगह-जगह पीए सिस्टम लगा कर सुविधा केंद्र, सहायता केंद्र बनाए जाएंगे। शहर के अन्य शिव मंदिरों में भी सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।

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मुख्य सचिव ने कहा की सावन माह में न केवल वाराणसी बल्कि आसपास के जिले और दूरदराज से भी लोग बाबा विश्वनाथ के यहां जल अर्पित करने आते हैं ऐसे में अन्य जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था भी की जाए इसके लिए आसपास के सभी जिलों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर सावन माह की तैयारियां कर ली जाए। प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एनएचएआई को पत्र लिखकर एक उनके लिए अलग मार्ग तय किए जाए। ताकि उस पर वाहनों का आवागमन ना हो सके। जगह जगह कावड़ियों के रुकने वाले स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखा जाए। बारिश का मौसम होने के चलते श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल और अन्य व्यवस्थाएं भी की जाय। इसके लिए उन्होंने जगह-जगह मेडिकल टीम की तैनाती और सहायता केंद्रों को बनाने पर जोर दिया।

महिलाओं के सुरक्षा का रखें खयाल –

पुलिस महानिदेशक ने सावन माह में आने वाली महिला श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए रूटों पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती और उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम करने का निर्देश पुलिस विभाग के अधिकारियों को दिए। मंदिर (Baba Vishwanath) में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को लेकर मुख्य सचिव ने जानकारी मांगी। इस पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि जून माह से औसत प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन पूजन कर रहे हैं। इसमें शनिवार रविवार सोमवार सवा लाख से डेढ़ लाख की संख्या हो जा रही है। बाकी अन्य दिनों में 80 से 90 हजार 95 हजार श्रद्धालुओं की संख्या होती है। वहीं जुलाई के 2 दिनों में यह संख्या प्रतिदिन के हिसाब से एक से सवा लाख हो गई है। इस हिसाब से अगर देखा जाए तो सावन में सोमवार के दिन श्रद्धालुओं की संख्या 6 लाख के पार होने की संभावना है। बैठक में प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, वीडीए वीसी ईशा दुहन, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा और अन्य अफसर भी उपस्थित रहे।

नमो घाट एवं टेंट सिटी साइट का किया निरीक्षण –

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और डीजीपी ने रविवार को वाराणसी दौरे के दौरान नमो घाट का निरीक्षण किया तथा यहां से स्टीमर के जरिये टेंट सिटी साइट पहुंच कर स्थलीय मुआयना किया। इसके बाद मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल सिगरा स्थित डॉ संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम एवं रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का भी निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

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