कोलकाताः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में नरसंहार मामले में गिरफ्तार नौ लोगों का फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक टेस्ट कराएगी। एक अधिकारी के मुताबिक, टेस्ट के दौरान उनकी बॉडी लैंग्वेज के साथ-साथ फेसिंग एक्सप्रेशन को नोट करने के लिए एक साइकोलॉजिस्ट मौजूद रहेगा।
अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इन नौ लोगों से पूछताछ के दौरान फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक टेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। यह पता लगाने के लिए कि ये लोग सच कह रहे हैं या झूठ। एक मनोवैज्ञानिक मौजूद रहेगा और वह एक रिपोर्ट के रूप में अपने निष्कर्ष दाखिल करेगा, जिसे अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार लोगों के बयानों में विसंगतियां पाए जाने के बाद यह फैसला किया गया। अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी ने बगटुई गांव में 10 घरों में बचाव अभियान में शामिल दमकलकर्मियों के प्रभारी अधिकारी से भी पूछताछ की है। सीबीआई ने नरसंहार में मारे गए आठ लोगों के नमूने डीएनए परीक्षण के लिए भेजने का भी फैसला किया है। अधिकारी ने कहा कि प्रभावित परिवारों ने हमें बताया है कि वे शवों की पहचान करने में असमर्थ थे। डीएनए परीक्षण से हमें उनकी पहचान करने में मदद मिलेगी।
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उल्लेखनीय है कि तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के कुछ घंटे बाद जिले के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बगटुई गांव से नौ लोगों के जले हुए शव बरामद किए गए। 21 मार्च को हुई इस घटना में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं। इधर, शनिवार को एक बार फिर सीबीआई की टीम बगटुई गांव में पहुंची और शेख लाल और मिहिलाल के घर जाकर पूछताछ की है। उनके घर के क्या हालात हैं, यह परखने की कोशिश की गई है। इसके अलावा गांव वालों से भी बातचीत की गई है।
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