जींद: जुलाना क्षेत्र में खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने सोमवार को तहसीलदार को उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जुलाना तहसील परिसर में भारतीय किसान यूनियन की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला उप प्रधान नरेंद्र ढांडा ने की। मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया।
भारतीय किसान यूनियन के जिला उप प्रधान नरेंद्र ढांडा ने कहा कि सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। किसानों की खराब हुई फसलों का मुआवजा नही दिया जा रहा है जिसके चलते किसानों को आर्थिक संकट से होकर गुजरना पड़ रहा है। किसानों की हितेषी होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नही है। अगर किसानों की चिंता होती तो अब तक किसानों को मुआवजा मिल गया होता।
भारतीय किसान युनियन ने ज्ञापन के माध्यम से तीन मांगे रखी हैं जिनमें से खरीफ की फसल का मुआवजा दिया जाए। गेहूं की जली फसल का मुआवजा दिया जाए। जलभराव से खाली रहे रकबे का भी किसानों को मुआवजा दिया जाए ताकि किसानों को आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सके। किसानों ने तहसीलदार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है कि अगर एक सप्ताह तक किसानों के खाते में मुआवजा नहीं आया तो एक सप्ताह बाद वो तहसील को ताला जड़ेंगे। इस मौके पर प्रदीप सिहाग, कर्ण सिंह, जगबीर, दलीप सिंह, भीम सिंह, सुशील आदि मौजूद रहे।
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जुलाना तहसीलदार राकेश मलिक ने कहा कि जुलाना क्षेत्र में खराब हुई फसलों का मुआवजा भी बन गया है। किसी टैक्नीकल कारण से मुआवजा राशि रूकी हुई है। जल्द ही खातों में राशि डाली जाएगी और जली हुई फसलों की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। खाली पड़ी जमीन की रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है।
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