लखनऊः चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल (एस) का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। अधिवेशन में एक बार फिर से अनुप्रिया पटेल को अध्यक्ष चुन लिया गया है। निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने पर मंच से अनुप्रिया पटेल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वो दौर भी आया जब डॉक्टर साहब हमारे बीच नहीं रहे। उस वक्त पार्टी से मेरा रिश्ता सिर्फ इतना था कि मेरे पिता सोनेलाल पटेल पार्टी के कर्ता-धर्ता थे। उनकी जलती हुई चिता के साथ मैंने लाखों कार्यकर्ताओं की आंखों में आंसुओं को देखा था। उस वक्त आप लोगों को चिंता थी कि अब पार्टी का क्या होगा। बाद में जो शोक सभा हुई थी तो आपके साथ पार्टी की कोर कमेटी ने मुझे पार्टी की महासचिव बनाकर इसकी बागडोर मुझे सौंप दी। उनके कार्यकाल में परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी की जिम्मेदारी उठाने नहीं आया था। लाखों-करोड़ों पार्टी के कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं मेरे साथ थी।
पिता के छोड़े काम को आगे बढ़ाना का उठाया बीड़ा
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मुझे डर सता रहा था, लेकिन मैंने सोचा था कि शेर बाप की बेटी पीछे नहीं हटेगी। जिस काम को मेरे पिता छोड़कर गए हैं उसे मैं पूरा करूंगी। मैं अनुभवहीन थी लेकिन आप लोगों का साथ और आपका भरोसा मेरे साथ था। ये मन की ताकत थी जिसने इस दल को ऊंचाई पर लाकर खड़ा कर दिया। 2012 में मैंने पहला चुनाव लड़ा था। विपक्षी लोगों ने सोचा था कि एक विधायक से क्या होगा। इसे तोड़ देंगे, लेकिन कोई ताकत अपना दल को नहीं तोड़ सकती।
अपनों की पीड़ा के साथ जी रहीं हूं
उन्होंने कहा कि 2014 में एक बार फिर हमारी पार्टी, जिसे लोग कहते थे इसका कुछ नहीं हो सकता वह देश की संसद में दो सांसदों की उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहा। जिसके बाद तमाम विरोध के स्वर अपनों से ही उठना शुरू हो गए। मुझे बहुत कष्ट है, मैं इस पीड़ा के साथ जी रही हूं। हमारी पार्टी पर बहुत हमले और प्रहार हो रहे हैं, अपनों के साथ बाहरी भी कर रहे हैं। पिछले दो-तीन विधानसभा और लोकसभा में पार्टी आगे बढ़ी है इससे और आक्रमण बढ़ गए हैं लेकिन हमारी पार्टी रुकेगी नहीं और आगे बढ़ेगी।
सिद्धांतों के लिए मैंने पिता की संपत्ति से अपने को अलग किया
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जिन सिद्धांतों के लिए सोने लाल पटेल समर्पित थे उन सिद्धांतों को मैंने आगे बढ़ाया है। मेरी छोटी बहन और पिता की छोटी पुत्री वो भी संपत्ति से बेदखल हो चुकी हैं। मैंने भी इस संपत्ति से अपने को अलग कर लिया है। मेरी बहन भी पिता के सिद्धांतों को नहीं मानती।
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पार्टी का स्ट्राइक रेट दूसरे दलों से हो रहा बेहतर
अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का स्ट्राइक रेट पिछले कुछ चुनाव में तमाम दलों से बेहतर रहा है। इसमें आप कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा है। जिससे किसी के पेट में दर्द और चुभन हो रही है। ये लोग बिना किसी परिश्रम के सब कुछ पाना चाहेंगे। ये लोग अपना दल का कंधा दूसरों को दे देंगे। आज राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है अपना दल। हमें होशियार रहने की आवश्यकता है क्योंकि तमाम हथकंडे विरोधियों द्वारा किए जायेंगे। अधिवेशन में निकाय चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के साथ चर्चा हुई। इस अधिवेशन में कई अन्य पार्टी की नीतियों पर भी चर्चा की गई। अधिवेशन में पूरे प्रदेश से पदाधिकारी, कार्यकर्ता आए हैं। पार्टी के सभी 12 विधायक व सांसद भी अधिवेशन में शामिल हैं।
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