Wednesday, December 18, 2024
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वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पर अभिषेक बनर्जी की तीखी प्रतिक्रिया

One Nation One Election Bill : एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश हुआ। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने इस बील को पेश किया। हालांकि विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है। वहीं, एनडीए गठबंधन में शामिल दल इस विधेयक के पक्ष में हैं। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ बिल को लेकर TMC महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

One Nation One Election Bill पर अभिषेक बनर्जी का तीखा हमला

Abhishek Banerjee सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज संविधान संशोधन विधेयक पेश करने का बीजेपी का बेशर्म प्रयास, जबकि संसद में संविधान पर बहस अभी भी चल रही है। यह लोकतंत्र पर एक बेशर्म हमले से कम नहीं है। वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोगों के वोट देने के मौलिक अधिकार को छीनने की कोशिश है।

एक ऐसा अधिकार जो सरकारों को जवाबदेह बनाता है और अनियंत्रित सत्ता को रोकता है। यह सिर्फ एक बिल नहीं है, बल्कि यह हमारे संस्थापकों के बलिदान से बनी लोकतंत्र की नींव पर सीधा हमला है। बंगाल चुप नहीं बैठेगा। हम भारत की आत्मा की रक्षा के लिए जी-जान से लड़ेंगे और इस अलोकतांत्रिक एजेंडे को कुचल देंगे।”

One Nation One Election Bill: लोगों के अधिकार छीनने वाला बिल

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ बिल (One Nation One Election Bill) लोगों के अधिकार छीनने वाला है। वे संविधान बदलने की बात कर रहे हैं। वे खुद को जनता का सेवक कहते हैं, लेकिन वे किस तरह के सेवक हैं? भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जनता से सत्ता छीनना चाहती है, लेकिन जब तक हम विपक्ष में हैं, हम इस विधेयक को पारित नहीं होने देंगे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब वे छोटे-छोटे राज्यों में कई चरणों में चुनाव करा रहे हैं, तो वे देश में एक साथ चुनाव कैसे कराएंगे। यह लोगों के अधिकारों को छीनने का मामला है।

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One Nation One Election Bill: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दी थी। भाजपा और उसके सहयोगी दल इस विधेयक के समर्थन में हैं। यह विधेयक पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का रास्ता साफ करता है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार अब इस विधेयक पर आम सहमति बनाना चाहती है।

सरकार इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल सितंबर में चरणबद्ध तरीके से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के क्रियान्वयन को मंजूरी दी थी।

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