शिमला: हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा किसान आंदोलन पर दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। इस बयान को लेकर कंगना को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने भी इस बयान से किनारा करते हुए कंगना को सख्त हिदायत दी है। अब मंडी लोकसभा सीट से कंगना के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कंगना के इस बयान की निंदा की है। उन्होंने कंगना से किसानों से माफी मांगने को भी कहा है।
किसानों से मांगे माफी
विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को कहा कि वह हरियाणा में किसान आंदोलन पर कंगना रनौत के गलत बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उनका बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है। सिंह ने कहा कि कंगना रनौत को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान किसानों के संघर्ष और बलिदान का अपमान हैं। खासकर तब जब प्रधानमंत्री पहले ही किसानों के खिलाफ बनाए गए काले कानूनों को वापस ले चुके हैं। ऐसे में कंगना का यह बयान अस्वीकार्य है और उन्हें इस तरह के असंवेदनशील और विभाजनकारी बयानों के लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
कंगना का विवादित बयान
दरअसल, कंगना रनौत ने कहा था कि किसान आंदोलन में लाशें लटक रही थीं, बलात्कार हो रहे थे। किसान बिल वापस ले लिया गया, जिससे देश को झटका लगा। यह एक लंबी अवधि की प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। यहां चीन और अमेरिका जैसी विदेशी ताकतें काम कर रही हैं। कंगना ने कहा था कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो बांग्लादेश में जो हुआ, उसे यहां होने में देर नहीं लगती।
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बीजेपी ने कंगना के बयान से खुद को अलग कर लिया
कंगना के इस बयान से बीजेपी नेतृत्व भी आहत है और बीजेपी ने इसे कंगना की निजी राय बताते हुए खुद को इससे अलग कर लिया। इतना ही नहीं, बीजेपी ने कंगना को ऐसे बयान न देने की सख्त हिदायत भी दी है।
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