पटनाः जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी) एलायंस के जागरूकता अभियान के तहत आज बिहार के 38 जिलों के 6400 गांवों के लोगों ने बाजारों, स्कूलों, गांवों और कस्बों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम और मशाल जुलूस निकाले। एक सामाजिक उद्देश्य के लिए एकजुटता के अभूतपूर्व प्रदर्शन में पुलिस थानों, अदालतों, पंचायत सदस्यों, धार्मिक नेताओं, स्कूली बच्चों, शिक्षकों, धार्मिक नेताओं, हलवाइयों और बाल विवाह पीड़ितों ने इस बुराई को खत्म करने और जहां भी बाल विवाह दिखे, संबंधित अधिकारियों को सूचित करने की शपथ ली।
Child marriage से खराब हो रहा लड़कियों का जीवन
बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करने वाले 250 से अधिक गैर सरकारी संगठनों का गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलायंस, बिहार के 38 जिलों में बाल विवाह को खत्म करने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रहा है। जेआरसी एलायंस ने कानूनी हस्तक्षेप और परिवारों को समझा-बुझाकर अब तक देश में 2,50,000 से अधिक बाल विवाह रोके हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएचएफएस 2019-21) के आंकड़ों के अनुसार, देश में 18 से 24 वर्ष की आयु वर्ग की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का बाल विवाह कर दिया जाता है, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 40.8 प्रतिशत है। बाल विवाह की शिकार लड़की का पूरा जीवन गुलामी में बीतता है और उसके लिए आजादी के सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं। साथ ही, बाल विवाह महिलाओं के श्रम बल में भाग न लेने का सबसे बड़ा कारण है।
हर क्षेत्र में चलेगा जागरुकता अभियान
इस राष्ट्रव्यापी अभियान की सराहना करते हुए ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन’ अलायंस के संस्थापक भुवन रिभु ने देश से बाल विवाह को खत्म करने के लिए शुरू किए गए इस अभियान को पूरा समर्थन दिया और सरकार के प्रयासों में हर संभव सहयोग का वादा किया। उन्होंने कहा, “करोड़ों माताओं और बालिकाओं की पीड़ा और विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति तथा जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के 250 से अधिक संगठनों के हमारे साथियों के अथक राष्ट्रव्यापी प्रयास के कारण आज हम इस ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंचे हैं।
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उल्लेखनीय है कि आने वाले महीनों में जेआरसी के सदस्य सरकार के साथ मिलकर इस अभियान को बिहार के हर जिले, प्रखंड और गांव तक ले जाएंगे। गठबंधन को विश्वास है कि यह अभियान जमीनी स्तर पर ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर बाल विवाह के खिलाफ प्रयासों को और तेज करेगा तथा समाज के सभी हितधारकों के सहयोग से जनता को जागरूक कर इस अपराध को खत्म करने में मदद करेगा।”
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