मानव तस्करी रोकेगी झारखंड सरकार, CM हेमंत ने अधिकारियों संग बैठक कर बनाई रणनीति

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रांची: झारखंड से मानव तस्करी को सख्ती से रोकने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य पुलिस, महिला, बाल विकास एवं संरक्षण विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मानव तस्करी में शामिल सिंडिकेट या एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने, स्वयंसेवी संगठनों और संगठनों के समन्वय से सघन अभियान चलाने, डेटा और पुलिस सत्यापन सुनिश्चित करने, हेल्प डेस्क और कॉल सेंटर को पूरी तरह सक्रिय करने सहित कई निर्णय लिए गए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में मानव तस्करी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इस संगठित अपराध में कई आपराधिक तत्व शामिल हैं। ऐसे तत्वों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अभियान चलाया जाना चाहिए। इसके साथ ही आम जनता को इस दिशा में सचेत एवं सावधान करने के लिए भी प्रभावी कदम उठाये जाने चाहिए। निर्णय लिया गया कि झारखंड के सभी 24 जिलों में एक संयुक्त भवन बनाया जाएगा, जहां एसटी/एससी पुलिस स्टेशन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन और महिला पुलिस स्टेशन 24×7 कार्यरत रहेंगे। कंबाइंड बिल्डिंग का डीपीआर तैयार करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया है। बैठक में मौजूद सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता से सीएम ने कहा कि सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाये कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े पुराने और लंबित मामलों की लगातार समीक्षा करें और उन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें।

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बच्चों को बाल श्रम में धकेलने वाले दलालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और घरेलू काम के लिए दूसरे राज्यों में जाने वाले श्रमिकों का डेटा और पुलिस सत्यापन सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि उन्हें शारीरिक, आर्थिक और मानसिक शोषण से बचाया जा सके। ऐसी व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया ताकि श्रमिकों का डेटा पंचायत स्तर पर स्थापित सामान्य सेवा केंद्रों में पंजीकृत किया जा सके। सोरेन ने अधिकारियों से रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले राज्य के प्रवासी श्रमिकों या मजदूरों के लाभ के लिए बेहतर कार्य योजना बनाने को कहा।

उन्होंने कहा कि ऐसा तंत्र तैयार करें जिसमें उन श्रमिकों को राज्य सरकार से प्रोत्साहन मिले और उनका सारा डेटा राज्य सरकार के पास सुरक्षित रह सके। बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज के अलावा विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित थे। श्रम, महिला एवं बाल कल्याण सहित अन्य उपस्थित थे।

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