Saturday, October 12, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
Homeफीचर्डUjjain: महाकाल के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब, सावन के छठे...

Ujjain: महाकाल के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब, सावन के छठे सोमवार पर लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

Mahakal

Ujjain Mahakal: सावन माह के छठे सोमवार को भगवान महाकाल के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भस्म आरती के लिए आधी रात से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई। सुबह 2:30 बजे मंदिर के पट खुलते ही महाकाल मंदिर भगवान शंकर के जयकारों से गूंज उठा। भस्मारती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद दर्शन का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह लगातार जारी है। शाम चार बजे भगवान महाकाल की छठी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान अवंतिकानाथ छह स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे और नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।

महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal) में परंपरा के अनुसार सोमवार तड़के 2।30 बजे पट खोले गए। सुबह भस्म आरती में भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शहद और शकर से बने पंचामृत से पूजन कर उन्हें भस्म अर्पित की गई। राजा के रूप में भगवान महाकाल का भांग, चंदन और आभूषणों से दिव्य शृंगार कर आरती की गई। रात्रि 10:45 बजे शयन आरती के बाद दर्शन का क्रम समाप्त होगा। बाबा महाकाल लगातार 20 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। देर रात तक यहां पांच लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें..Cloudburst in Uttarakhand: केदारनाथ-जोशीमठ में बादल फटने से भारी तबाही, चमोली-रुद्रप्रयाग में बिगड़े हालात

lord mahakal

भगवान महाकाल राजा के रूप में सजाया गया

मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल (Mahakal) की पूजा की गई। गर्भगृह में स्थापित भगवान की सभी प्रतिमाओं का दूध, दही, घी, शकर, शहद से बने पंचामृत से अभिषेक कर भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की। हरिओम को जल और कपूर की आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ ही मस्तक पर चंद्रमा और आभूषण चढ़ाकर राजा के रूप में सजाया गया। सजावट पूरी होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढक दिया जाता है और भस्म लगा दी जाती है।

श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में भगवान महाकालेश्वर की छठवीं सवारी सावन के छठे सोमवार को शाम 4 बजे निकलेगी। इस दौरान भगवान महाकालेश्वर छह स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। छठी सवारी में पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नंदी रथ पर उमा-महेश, होल्कर का मुघोटा रथ और घाटाटॉप पर सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

आज शाम को निकलेगी महाकाल की छठी सवारी

सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद भगवान चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजमान भगवान को सलामी देंगे। इसके बाद सवारी पारंपरिक मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बख्शी बाजार और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी पारंपरिक मार्ग से होते हुए पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। इस बार सवारी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी शामिल होंगे।

मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। जिला व पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मचारी व पुलिस अधिकारी तैनात किये हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उन्हें 40 मिनट में दर्शन मिल सकें इसकी व्यवस्था की गई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें