नई दिल्लीः ‘तीन तलाक’ के खिलाफ कानून बनने की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर देश भर के विभिन्न संगठनों द्वारा रविवार को ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ मनाया गया। इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस अवसर पर कार्यक्रम में भाग लिया, जहां मुस्लिम महिलाओं ने इस प्रथा को एक आपराधिक अपराध बनाने वाले कानून को लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तहे दिल से धन्यवाद दिया।
1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के लिए संसद में ट्रिपल तलाक बिल पारित किया। तभी से इस दिन को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। केंद्रीय मंत्रियों ने तीन तलाक की शिकार कई मुस्लिम महिलाओं से भी बातचीत की। महिलाओं ने मंत्रियों से कहा कि मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के ‘ ‘आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान, आत्मविश्वास’ को मजबूत किया है और तीन तलाक जैसी क्रूर सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून लाकर उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की है।
कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि मोदी सरकार समाज के हर वर्ग की महिलाओं की गरिमा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। यादव ने कहा, “मोदी सरकार ने तीन तलाक की सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून लाकर मुस्लिम महिलाओं की गरिमा सुनिश्चित की है। सरकार की बिना किसी भेदभाव के विकास की नीति ने पूरे देश में विश्वास का माहौल बनाया है।”
नकवी ने कहा, “हमारी सरकार निर्णय देने में विश्वास करती है और इसलिए हमने ऐसे ऐतिहासिक कदम देखे हैं। न केवल तीन तलाक को खत्म करना, बल्कि हमने यह भी देखा कि कैसे ‘मेहरम’ को खत्म किया गया और महिलाएं हज के लिए जा सकती हैं।” नकवी ने बताया कि कानून लागू होने के बाद तीन तलाक के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट आई है और कहा कि देश भर में मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून का भारी स्वागत किया है।
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इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए ईरानी ने कहा, “1 अगस्त तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष को सलाम करने का दिन है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय और श्रम मंत्रालय मुस्लिम महिलाओं के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे।”