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पांचवें सैन्य धाम की शान बढ़ाएगा फाइटर प्लेन मिग-21

Indian Air Force's Mig 21 Bison aircrafts led by Wing Commander Abhinandan Varthaman flypast in Bison formation

देहरादूनः सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक उत्तराखंड के पांचवें सैन्य धाम की फाइटर प्लेन मिग-21 शान बढ़ाएंगे। सैन्यधाम में मिग-21 को स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। रविवार को मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) छावनी परिषद गढ़ी तनु जैन ने पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वार मेमोरियल (शौर्य स्थल) में फाइटर प्लेन मिग-21 को स्थापित करना उत्तराखंड के सैनिकों और शहीद परिवारों के लिए सम्मान का विषय है। फाइटर प्लेन मिग-21 को जल्द ही स्थापित कर दिया जाएगा। हाल ही में मिग-21का फ़्रंट पार्ट देहरादून पहुंच चुका है। बाकी हिस्से भी जल्द आ जाएंगे। इससे जुड़ी वेंडर टीम अंबाला और दिल्ली से आई थी। आगे भी टीम अंतिम रूप देने के लिए आएगी। सैन्य धाम को दिव्य और भव्य बनाने में राज्य और केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि मिग-21 देश की सुपर सोनिक मिसाइलों में से एक है। इसे वार मेमोरियल में शहीद सैनिकों की स्मृति को सहेजा जाएगा। इसके साथ ही नेवल शिप जहाज भी वार मेमोरियाल की शोभा बढ़ाएंगे। पूर्व सांसद तरुण विजय वार मेमोरियल के प्रति बेहद संजीदा हैं। मंत्री सतपाल महाराज लाइट की व्यवस्था में सहयोग कर कर रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि रूस निर्मित मिग-21 का अधिकतम उड़ान वजन 9,800 किलोग्राम (21,600 पौंड) है। यह अपने समय में सबसे तेज उड़ान भरने वाले पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक रहा है। सोवियत रूस के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने इसे 1959 में बनाना शुरू किया था। यह इकलौता ऐसा विमान है जिसका प्रयोग विश्वभर के करीब 60 देशों ने किया है। इसकी स्पीड के कारण अमेरिका भी डरता था। करगिल युद्ध के बाद से भारतीय वायुसेना अपने बेड़े से पुराने मिग-21 विमानों को हटाकर इसकी उन्नत मिग-21 बाइसन को शामिल कर रही है।