Monday, December 23, 2024
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मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू को अपने खिलाफ चुनाव लड़ने की दी चुनौती

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी में अनुशासहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नवजोत सिंह सिद्धू उनके खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं तो वह आजाद हैं परन्तु उनका हाल भी जनरल जे.जे. सिंह जैसा ही होगा जिसकी जमानत तक जब्त हो गई थी।

एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती दी कि वह यह स्पष्ट करे कि वह कांग्रेस पार्टी के मैंबर हैं या नहीं। कैप्टन ने कहा कि अगर हैं तो उनका लगातार मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ बोलना आचार संहिता के उल्लंघन के समान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बागी को यह तय कर लेना चाहिए कि वह किस तरफ है क्योंकि कांग्रेस में वह पार्टी के अनुशासन को तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा उन्हें वापस नहीं लेगी और जहां तक अकाली दल की बात है, वह भी उनसे रूठ चुकी है।

पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपना काम बहुत बढ़िया कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारियां भी बखूबी निभा रहे हैं, इसलिए सिद्धू को जाखड़ की जगह नियुक्त करने का सवाल ही पैदा नहीं। कैप्टन ने कहा, ‘सिर्फ चार साल ही हुए जब सिद्धू कांग्रेस में शामिल हुए और यहां कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपना राजनैतिक कॅरियर यूथ कांग्रेस से शुरू किया और वह उससे कहीं ज्यादा सीनियर हैं, इस कारण उन्हें उप-मुख्यमंत्री या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद कैसे दिया जा सकता है।’

कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा और सुनील जाखड़ की तरफ से इस्तीफे देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इसको रद्द कर दिया है।
हाईकोर्ट की तरफ से हाल ही में कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही एस.आई.टी. को खारिज देने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नई एस.आई.टी. की मंजूरी दे दी गई है, जो मामले को कानूनी निष्कर्ष पर ले जाएगी। हालांकि, अदालत का फैसला इसके दायरे से बाहर चला गया और यह न्यायिक नहीं बल्कि एक राजनैतिक निर्णय है।
केस में देरी के मुद्दे पर कैप्टन ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट के हाल ही में आए फैसले में बेअदबी के मामलों से कोई सम्बन्ध नहीं है और यह फैसला कोटकपूरा गोलीकांड से सम्बन्धित है। बेअदबी केस चल रहे हैं और इनमें कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह पिछली अकाली सरकार थी जिसने केस सी.बी.आई. को केस सौंप दिए थे और मौजूदा कांग्रेस सरकार ने केस की फाइलें वापिस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच की थी।

कोविड की महामारी के मद्देनजर राज्य में आक्सीजन की सप्लाई के मुद्दे की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को रोजमर्रा के 300 मीट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत है, परन्तु केंद्र सरकार ने हां-समर्थकी समर्थन नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार कोविड मरीजों को बेहतर मेडिकल सहायता देने को के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी रही और एल-2 और एल-3 बेडों की उपयुक्त संख्या है। साथ ही 2200 और बेड शामिल किए जाना प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘टीकाकरण के सम्बन्ध में हमारे पास सिर्फ एक दिन का स्टाक बचा है और इसी कारण स्वास्थ्य विभाग को 18-45 साल के उम्र वर्ग के लिए कोविशील्ड की 30 लाख खुराकें खरीदने का ऑर्डर देने के लिए निर्देश दिए गए हैं।’

गेहूं की खरीद और बारदाने की कमी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने भारत सरकार पर इसकी कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बारदाने का वितरण केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त जुट कमिशनर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने 20 करोड़ बारदाने की मांग की थी परन्तु केंद्र सरकार समय पर इजाजत देने में नाकाम रही। राज्य सरकार गेहूं की खरीद होने की तारीख 10 अप्रैल तक भी केंद्र सरकार से 4 करोड़ बारदाना खरीदने सम्बन्धी इजाजत का इन्तजार कर रही थी। यह इजाजत आखिरकार 16 अप्रैल को दी गई जोकि खरीद शुरू होने से छह दिन की देरी से थी।

डी.बी.टी.(सीधी अदायगी) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि 48 घंटों की निर्धारित समय सीमा के दरमियान किसानों के खातों में 12260 करोड़ रुपए डाले जा चुके थे। उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सीधी अदायगी शुरू किये जाने से पहली बार कुछ मुश्किलें पेश आईं जिनको अब किसानों की तसल्ली के मुताबिक सुलझा लिया गया है।

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