Saturday, December 21, 2024
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‘हुनर हाट’ का सीएम ने किया शुभारम्भ, कहा-स्वदेशी, स्वावलंबन की आधारशिला ही आत्मनिर्भर भारत

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और इस देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने सदियों से गुलामी की बेड़ियों से जकड़े भारत को मुक्त कराने के लिए जो उद्घोष किया था उसको उद्घोष का मूल मंत्र स्वदेशी और स्वावलंबन था। उन्होंने कहा कि और स्वदेशी व स्वावलंबन की आधारशिला ही आत्मनिर्भर भारत है और उस आत्मनिर्भर भारत के वास्तविक शिल्पी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिल्पकारों, दस्तकारों को माना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की मौजूदगी में अवध शिल्पग्राम में 15 दिवसीय 24वें ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन करने के दौरान बोल रहे थे। आगामी 4 फरवरी तक चलने वाला यह हुनर हाट वोकल फॉर लोकल की थीम पर आधारित है। इसमें कई प्रदेशों के कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा इस हुनर हाट के माध्यम से देश के कारीगरों, शिल्पकारों और दस्तकारों के हुनर को एक नई ऊंचाइयां देने का कार्य किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा विगत वर्ष भी वह स्वयं राजधानी में इस आयोजन में आए थे। कार्यक्रम एक सप्ताह का था, बाद में 15 दिन तक इसे चलाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह वह दिल्ली के हुनर हाट में भी शामिल हो चुके हैं। वह भी भव्य और सफल आयोजन था। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के जरिए उत्तर प्रदेश के अंदर भी देश के सभी दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर आकर अपने हुनर का लोहा मनाने और अपनी पीढ़ी को आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर करने के लिए जिस तरह से प्रेरित कर रहे हैं वह हम सबके लिए अभीनंदनीय और स्वागत योग्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में आत्मनिर्भर और स्वावलंबी भारत का आधार हमारे परंपरागत उद्यम ही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में मार्च 2020 में अचानक 100 एमएल सैनिटाइजर के दाम 600 रुपये तक पहुंच गए थे। उस समय हमने चीनी मिलों से कहा कि अपनी डिस्टलरी का उपयोग वहां पर किसी अन्य के लिए नहीं बल्कि सैनिटाइजर बनाने में करे। इसके अगले दो महीनों के दौरान इतना सैनिटाइजर बनाया गया कि उत्तर प्रदेश की आवश्यकता तो पूरी होने के साथ देश के 27 राज्यों में सैनिटाइजर भेजने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह कोरोना संकट बढ़ने के दौरान जब पीपीई किट की मांग हुई तो इसके लिए हमें चीन पर निर्भर रहना पड़ता था। वहां से घटिया किस्म की पीपीई किट आ रही थी। गुणवत्ता नहीं मिल रही थी। ऐसे में हम लोगों ने अपने स्थानीय कारीगरों को इसके लिए प्रेरित किया और देखते ही देखते उत्तर प्रदेश और देश के अंदर भी पीपीई किट का निर्माण होना प्रारंभ हुआ। आज न केवल पीपीई किट का प्रोडक्शन उत्तर प्रदेश अपनी आवश्यकता के अनुरूप कर रहा है, बल्कि देश और दुनिया को भी उसे देने का कार्य किया जा रहा है। इसी तरह एन-95 मास्क को लेकर भी कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कार्य स्थानीय स्तर पर होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो हुनर हाट का इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें राज्य सरकार के एक जिला एक उत्पाद को भी सहयोगी बनने का कार्य किया गया है। ये हमारी अभिनव योजना है।

इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पांच लाख से ज्यादा दस्तकारी, शिल्पकारी, उससे जुड़े हुए लोगों को रोजगार देने में यह हुनर हाट सफल साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को हम आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ लोकल को ग्लोबल का भी संकल्प यह हुनर हाट आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक संकल्प शुरू से रहा है कि यह जो हमारी दस्तकारी, शिल्पकारी की जो विरासत है वह कहीं लुप्त हो रही है। इसको जो मौका और बाजार मिलना चाहिए, जो नहीं मिल रहा है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री ने हमारे मंत्रालय से इस दिशा में बहुत मजबूती के साथ प्रयास और काम करने को कहा। इस मौके पर उन्होंने एक शेर भी बोला, ‘न हम-सफर न किसी हम-नशीं से निकलेगा, हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा। मेरे जूनून का नतीजा जरूर निकलेगा इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा।’ वोकल फॉर लोकल हुनर हाट में उत्तर प्रदेश के शिल्प सहित गुजरात की अजरख, जम्मू कश्मीर की पश्मीना शाल, झारखंड की तुसार सिल्क, असम की ड्राई फ्लॉवर्स, आंध्र प्रदेश की पोचमपल्ली इक्कत, बिहार की मधुबनी पेंटिंग्स, कर्नाटक में बनने वाले लकड़ी के खिलौने, मणिपुर के कलाकारों के हस्तनिर्मित खिलौने मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं। इस हुनर हाट में इनके अतिरिक्त अन्य कई राज्यों के दस्तकार-शिल्पकार भी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के कोने-कोने के स्वदेशी दुर्लभ उत्पाद और लजीज पकवान इसमें उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा नामचीन कलाकारों द्वारा हर रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए जाएंगे। हुनर हाट में अनेकता में एकता की संस्कृति देखने को मिल रही है। अवध शिल्पग्राम में विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों, दस्तकारों के शानदार स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी में बिक्री की भी सुविधा है। यह प्रदर्शनी पूर्वाह्न 11 से रात 10 बजे तक आमजन के लिए निःशुल्क खुली है।

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