Varanasi: चैत्र माह में लगी सावन की झड़ी, रिमझिम फुहारों ने बदला मौसम का मिजाज

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वाराणसीः वाराणसी सहित पूर्वांचल के जिलों में मौसम के बदले मिजाज से बासंतिक चैत्र माह में सावन का नजारा दिख रहा है। रविवार देर शाम से तेज आंधी और गरज-चमक के साथ हुई मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि के बाद सोमवार को बूंदाबांदी और रिमझिम फुहारों से अधिकतम तापमान भी लुढ़क गया है। सुहाने मौसम के बीच लोगों को सिहरन महसूस हो रही है। गंगा घाटों पर युवा तफरी लेने के लिए जुट रहे हैं। फुहार और हल्की बारिश के बीच चाय की दुकानों पर भी भीड़ बढ़ गई है।

वाराणसी में दोपहर 12 बजे तक अधिकतम तापमान घने बादलों के बीच 23 डिग्री सेल्सियस और सुबह 8 बजे तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। इससे पहले रविवार को अधिकतम तापमान 30 तो न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों ने बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी पहले ही जारी कर दिया था। गत शुक्रवार को बूंदाबांदी और शनिवार भोर में तेज बूंदाबांदी के बाद रविवार अपरान्ह बाद से ही बादल घुमड़ने लगे थे। रात लगभग 09 बजे के बाद अचानक गरज चमक के साथ शुरू हुई बूंदाबांदी मुसलाधार बारिश में बदल गई।

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तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि और बारिश से वाराणसी सहित पूर्वांचल के जिलों में कई जगहों पर पेड़ जड़ से उखड़ गये तो कहीं पेड़ की डालियां टूटकर गिर गईं। छतों पर रखे टीनशेड सड़कों पर बिजली के खंभों पर टंगे विज्ञापन के होर्डिग टूट गये और बैनर पोस्टर के चिथड़े उड़ गये। शहर के कई हिस्सों में जलजमाव से लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। तेज बारिश और तूफानी हवाओं के कारण बिजली की आपूर्ति भी ठप हो गई। उधर, बारिश की वजह से सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर गेट-1 के पास की दुकानों में करंट भी उतर गया। जानकारी पाते ही बिजली विभाग ने तत्काल वहां की आपूर्ति बंद कर दी। हालांकि, इसमें किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली।

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