Thursday, November 21, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशUP: मां विंध्यवासिनी और काशी विश्वनाथ की तर्ज होगा देवीपाटन मंदिर का...

UP: मां विंध्यवासिनी और काशी विश्वनाथ की तर्ज होगा देवीपाटन मंदिर का विकास

UP devipatandeveloped-kashi-vishwanath

 

UP, बलरामपुर: 51 शक्तिपीठों में शामिल मां पाटेश्वरी मंदिर देवीपाटन को काशी विश्वनाथ वाराणसी और मां विंध्यवासिनी कॉरिडोर मीरजापुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जिसके लिए राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद जिला प्रशासन द्वारा रूपरेखा तैयार की जा रही है।

मंदिर के सौंदर्यीकरण की तैयार होगी रिपोर्ट

जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने शनिवार को बताया कि शासन स्तर से इसके लिए सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद सोमवार 11 दिसंबर को एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। जिसमें बड़े मंदिरों पर काम कर चुके हाईटेक आर्किटेक्ट और विभागीय अधिकारी शामिल होंगे। मंदिर के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण का प्रस्तुतीकरण आर्किटेक्ट की टीम द्वारा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि देवीपाटन मंदिर के मुख्य मंदिर, बाहरी क्षेत्र और संपूर्ण परिक्षेत्र का विकास मंदिर निर्माण की प्राचीन नागर शैली (उत्तर भारतीय शैली), द्रविड़ शैली (दक्षिण भारतीय शैली), वेसर शैली (मध्य भारतीय शैली) और के गहन अध्ययन पर आधारित था। मंदिर के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण में उचित वास्तुकला का पूरा ध्यान रखा जाएगा और उसी के अनुरूप प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

पर्यटन सुविधाओं को केंद्र में रखकर होगा विकास

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए जमीन खरीदने का काम पूरा होने के तुरंत बाद मंदिर के विकास के लिए बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने का काम शुरू हो जायेगा।

उन्होंने बताया कि देवीपाटन में लगने वाले राजकीय मेले के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एवं वीवीआईपी के आगमन को ध्यान में रखते हुए चार वीआईपी के निर्माण पर 159 लाख रुपये की लागत आयी है। निरीक्षण भवन, लोक निर्माण विभाग, तुलसीपुर के परिसर में विश्राम कक्ष का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद वीआईपी रेस्ट रूम का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः-जानकी विवाह महोत्सव: अयोध्या से मिथिला आएंगे श्रीराम, तेज हुईं तैयारियां

गौरतलब है कि शक्तिपीठ देवीपाटन 51 शक्तिपीठों में से एक है और अपना विशेष महत्व रखता है। मंदिर को धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की सैद्धांतिक सहमति शासन से मिल गई है। आगामी वित्तीय वर्ष में मंदिर के कायाकल्प का काम शुरू हो जाएगा। मंदिर के विकास के साथ-साथ मंदिर के चारों ओर उत्कृष्ट सड़कों और मुख्य मार्गों का जाल बिछाने के साथ-साथ पर्यटन सुविधाओं के हर बिंदु को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें