लखनऊ: लखनऊ की सआदतगंज थाने की पुलिस ने क्राइम ब्रांच की मदद से व्यापारी द्वारा रची गई खुद के अपहरण की साजिश का खुलासा किया। शेयर बाजार के व्यापारी ने 40 लाख रुपये का कर्ज चुकाने से बचने के लिए खुद का अपहरण करवा लिया। इसके लिए उसने अपने दो मित्रों का सहारा लिया। खुद के अपहरण की साजिश रच उसने घरवालों से 40 लाख की फिरौती मांगी। इतना ही नहीं, उसने दो बार में आठ-आठ लाख रूपये अपने रिश्तेदारों से मंगवा भी लिए। लेकिन व्यापारी फिर भी घर न लौटा। इसी से परेशान पीड़ित परिवार सआदतगंज थाने पहंुचा और शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस की जांच होने से व्यापारी की साजिश धरी की धरी रह गई।
दोस्त से घर फोन करवाकर मांगी थी फिरौती –
बुधवार, 3 अगस्त की रात व्यापारी ने अपने मित्र मोहम्मद से पत्नी फरहीन को फोन कर बताने को कहा कि शम्सी का अपहरण हो चुका है। उसको छोड़ने के एवज में मोहम्मद ने फरहीन से फिरौती के रूप में 40 लाख रूपये का इंतजाम करने को कहा था। फरहीन ने अपरहरण की जानकारी सआदतगंज पुलिस को दी। क्राइम ब्रांच समेत पुलिस की अन्य टीम ने छानबीन की तो आरोपित की करतूत उजागर हुई।
साजिशकर्ता शम्सी गिरफ्तार –
पुलिस ने आरोपित हवाला कारोबारी शम्सी को गिरफ्तार कर लिया है। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि इस साजिश में शम्सी के दो सहयोगियों की तलाश की जा रही है। इसके लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। दोनों आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
कई रिश्तेदारों से ले रखा था कर्ज –
डीसीपी (ईस्ट) प्राची सिंह ने बताया कि, शम्सी सआदतगंज के वजीरबाग ढाल, रूस्तमनगर इलाके में पत्नी फरहीन फातिमा और दो बच्चों के साथ रहता है। शम्सी ने अपने कई रिश्तेदारों और दोस्तों से कर्ज ले रखा था। इसी को चुकाने से बचने के लिए उसने अपना ही अपहरण करवाने का फैसला किया और अपने रिश्तेदार को बताया कि उन्होंने जो रुपये दिए थे, वह फिरौती देने में खर्च हो गए।
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कर्ज न देना पड़े इसलिए कराया अपहरण –
डीसीपी (ईस्ट) प्राची सिंह ने बताया कि, उसे लिए गए कर्ज को लौटाना न पड़े इसिलिए अपहरण की झूठी योजना बनाई। दुबई में रहने वाले शम्सी के साढ़ू कौसर ने उसके खाते में 40 लाख रुपये भेजे थे। कर्ज में होने के कारण आरोपित ने रुपये हड़पने के लिए खुद के अपहरण की योजना बना डाली। बकौल डीसीपी, पूछताछ के दौरान शम्सी ने अपनी साजिश का खुलासा खुद ही किया। शम्सी ने पुलिस को बताया कि जिन लोगों से उसने कर्ज लिया था, वे सभी लोग कर्ज वापस करने को लेकर उस पर दवाब बना रहे थे, इससे वह बेहद परेशान रहने लगा था। कर्जदारों के कर्ज उतारने के लिए उसने मित्र शाहिद और मोहम्मद के साथ मिलकर खुद के अपहरण की योजना बनाई। योजना के मुताबिक सोमवार को शम्सी पत्नी को बताए बिना कहीं चला गया और देर रात तक घर नहीं लौटा। उसने फोन भी स्विच ऑफ कर रखा था।
ऐसे हुआ साजिश का खुलासा –
एसीपी क्राइम पंकज श्रीवास्तव और एसीपी बाजारखाला सुनील शर्मा ने एक संयुक्त बयान में कहा टीम को सीसीटीवी मिला, जिसमें शम्सी दोस्तों के साथ दिखा और कार का नंबर भी दिखा। जांच में पता चला कि कार का मालिक शम्सी के कॉलोनी का ही है और उसका दोस्त है। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो पता चला कि उसने शम्सी के कहने पर कार शाहिद को दी थी। शम्सी ने मुफ्तीगंज निवासी मोहम्मद और इंदिरानगर निवासी सादिक को साजिश में शामिल कर लिया। इसके बाद अपने परिचित की गाड़ी मांगी और मंगलवार को अपने दोनों दोस्तों के साथ कार में बैठकर निकल गया। उक्त घटना का अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु टीम गठित की गयी। पुलिस टीम द्वारा भरसक प्रयास के बाद अभियोग में वांछित अभियुक्त शम्सी उपरोक्त को मुखबिर की सूचना के आधार पर चैपटिया कालोनी के पास स्थित पार्क के पास से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से फिरौती के 50,000 रुपये बरामद हुये। अभियुक्त के विरुद्ध नियामानुसार कार्रवाई की जा रही है। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
ड्राइवर से हवाला तक का सफर –
शम्सी पहले दुबई में गाड़ी चलाने का काम करता था। लखनऊ आने के बाद उसने हवाला का काम शुरू कर दिया। वह लोगों से रुपये लेकर बताए गए स्थान पर पहुंचाता था। इस दौरान उस पर कई लोगों का कर्ज हो गया।
- पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट
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