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कर्नाटक में बारिश के कहर से अब तक 9 लोगों की मौत, बचाव कार्य जारी

बेंगलुरुः मूसलाधार बारिश के कारण शनिवार को भी पूरे कर्नाटक में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। भारी बारिश के कारण राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। लगातार हो रही बारिश से उत्तरी कर्नाटक के 12 जिले, तटीय कर्नाटक और मलनाड क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।

यह अनुमान है कि लगभग 830 घरों को नुकसान पहुंचा है, 15 स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं और महिलाओं और बच्चों सहित 8,733 लोगों को राज्य भर में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा है। राज्य सरकार ने 80 राहत केंद्र खोले हैं। पश्चिमी घाट क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने पर उत्तरी कर्नाटक के जिलों और तटीय कर्नाटक क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

बेलगावी जिले के चिक्कोडी में शुक्रवार को बाढ़ में बह गई 12 वर्षीय बच्ची किरण शनुरा वीभूति का शव रेस्क्यू टीम को मिला। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को बचाव कार्यों के लिए 12 जिलों में तैनात किया गया है।

चूंकि राज्य भर के बांधों की ओर पानी का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है, बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है और इससे नदियां खतरे के स्तर को पार कर रही हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। पश्चिमी घाट में आई बाढ़ के कारण शेष कर्नाटक को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्ग बंद कर दिए गए हैं। बेंगलुरु-मंगलुरु राजमार्ग को भी बंद कर दिया गया है, क्योंकि घने जंगलों से गुजरने वाली सड़कों के जलमग्न हिस्से को पार करना असंभव है।

बेलागवी जिले के यदुरावाड़ी गांव में 300 से अधिक लोगों को नावों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, क्योंकि गांव में पानी भर गया था। बारिश के पानी ने हजारों घर जलमग्न कर दिए हैं और इस क्षेत्र में कई अन्य घर भी ढहने के कगार पर हैं। बाढ़ ने कोडागु जिले में राज्य के राजमार्गों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। हासन, चिकमगलूर और शिवमोग्गा जिलों के कई गांवों में पानी भर गया है।

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इस बीच, भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि उडुपी, मैंगलोर, कारवार, चिकमगलूर, शिवमोग्गा और हासन जिलों में और पांच दिनों तक भारी बारिश जारी रहेगी। पूरे राज्य में पहले ही रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।