लखनऊः उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 75 जिलों में परिसीमन का कार्य सम्पन्न हो गया है। पिछले पांच साल में राज्य की पंचायतों का दायरा काफी सिमट गया है। जिला पंचायतों के 69 वार्ड खत्म कर दिए गए हैं। 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों में मिल गई हैं। क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों की संख्या में भी कमी आई है। राज्य सरकार ने परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वार्डों की सूची जारी कर दी है।
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पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि परिसीमन के बाद 75 जिला पंचायतों में 69 वार्ड खत्म हुए हैं। उनकी संख्या जो पहले 3120 थी, वह घटकर अब 3051 हो गई है। वैसे प्रदेश के 36 जिलों में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं गोंडा, मुरादाबाद और संभल तीन ऐसे जिले भी हैं, जहां वर्ष 2015 की अपेक्षा अधिक सदस्य चुने जाएंगे। इसमें गोंडा में 51 की जगह 65 सदस्य, मुरादाबाद में 34 की बजाए 39 तथा संभल में 27 की जगह 35 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव होगा।
इसी तरह प्रदेश की 880 ग्राम पंचायतों के शहरी क्षेत्रों में मिलन के चलते इस बार 59,074 की बजाए 58,194 ग्राम पंचायतों में ही ग्राम प्रधान के चुनाव होंगे। ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या भी 12,745 कम हो गई है। वर्ष 2015 की तुलना में इस बार ग्राम पंचायत वार्ड भी 7,44,558 से घटकर 7,31,813 रह गए हैं। इसके अलावा प्रदेश की 826 क्षेत्र पंचायतों में ब्लाक प्रमुखों के चुनाव के लिए इस बार 75,805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे, जो वर्ष 2015 की तुलना में 1,996 कम होंगे। वर्ष 2015 में क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या 77,801 थी, जो अब कम होकर 75,805 रह गई है।