मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को कहा कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता संजय राऊत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का मामला राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राज्यसभा सदस्य के विरुद्ध आए विशेषाधिकार हनन के मामले पर कार्रवाई करने का अधिकार राज्य की विधानसभा को नहीं है, इसलिए इस मामले पर राज्यसभा भी विचार करेगी।
राहुल नार्वेकर ने विधानसभा को बताया कि संजय राऊत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव आया था। इस प्रस्ताव के बारे में संजय राऊत को नोटिस दी गई थी। इस नोटिस का जो जवाब संजय राऊत ने भेजा है, वह समाधानकारक नहीं है। इसी वजह से यह प्रस्ताव राज्यसभा के सभापति को विचार करने के लिए भेजा जाएगा।
दरअसल, संजय राऊत ने कोल्हापुर दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में इस समय विधिमंडल नहीं चोर मंडल है। संजय राऊत के इस व्यक्तव्य पर भाजपा के विधायक आक्रामक हो गए। इसके बाद भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने विधानसभा में संजय राऊत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इस मामले की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने संजय राऊत को नोटिस जारी किया था लेकिन इस नोटिस के बाद संजय राऊत ने जवाब दिया था, उससे विधानसभा संतुष्ट नहीं थी।
संजय राऊत ने बताया कि उनके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की जांच करने के लिए जो समिति गठित की गई थी, उसकी अध्यक्षता विधायक राहुल कुल को सौंपी गई थी जबकि उन्होंने (संजय राऊत) राहुल कुल के विरुद्ध भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, इसलिए इस समिति का गठन ही गलत है। संजय राऊत ने कहा कि उनके व्यक्तव्य को तोड़ मरोड़कर उन पर कार्रवाई करने के लिए पेश किया जा रहा है जिस विधिमंडल ने उन्हें चार बार राज्यसभा भेजा उसका अपमान वे कभी नहीं कर सकते। उन्होंने शिंदे गुट के 40 विधायकों को चोर कहा है और आगे भी कहते रहेंगे।
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