लंदनः ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने राजनीति में बढ़ती जहरीली संस्कृति के खिलाफ चेतावनी दी। सुनक का बयान ऐसे समय आया है जब ब्रिटिश सांसदों को इजराइल-गाजा संघर्ष के संबंध में हाउस ऑफ कॉमन्स में मतदान करने के अपने इरादों पर सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
अराजक दृश्यों का किया जिक्र
ब्रिटिश पीएम सुनक ने शनिवार को एक बयान जारी कर आतंकवाद का महिमामंडन करने के लिए देश की सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों को ‘हाइजैक’ करने वाले चरमपंथियों की निंदा की। यह बयान ‘द संडे टाइम्स’ अखबार की एक रिपोर्ट के बाद जारी किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि तीन अज्ञात महिला सांसदों को उनकी सुरक्षा पर चिंताओं के बाद अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने की अनुमति दी गई थी।
सुनक ने अपने बयान में कहा, ”7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमलों के बाद पूर्वाग्रह और यहूदी-विरोधी भावना का व्यापक प्रसार अस्वीकार्य है।” सीधे शब्दों में कहें तो यहूदी विरोध नस्लवाद है।
सुनक ने वेस्टमिंस्टर पैलेस पर हाल ही में हुए आक्रामक “प्रक्षेपण” के संदर्भ में कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने और महिमामंडित करने के लिए चरमपंथियों द्वारा वैध विरोध प्रदर्शनों को ‘अपहृत’ कर लिया गया है, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों को मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया गया है। “हमारे अपने संसद भवन पर धमकियां दी गई हैं और शारीरिक, हिंसक लक्ष्यीकरण और यहूदी-विरोधी भित्तिचित्र बनाए गए हैं।”
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उन्होंने पिछले सप्ताह गाजा में युद्धविराम पर संसद के मतदान के दौरान अराजक दृश्यों का जिक्र करते हुए कहा। यह हमारे समाज और हमारी राजनीति के लिए विषाक्त है और उन स्वतंत्रताओं और मूल्यों का अपमान है जिन्हें हम ब्रिटेन में प्रिय मानते हैं।
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