यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियां तेज, नौ केन्द्रों में मिली वैक्सीन

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लखनऊ। प्रदेश में प्रथम चरण में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए कुल नौ केन्द्रों में वैक्सीन प्राप्त हो गई है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में संक्रमण के 487 नये मामले सामने आये हैं। इसी दौरान इलाज के बाद 879 लोग स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किए गए। लगभग सात महीने बाद नए मामलों की संख्या पांच सौ से कम दर्ज की गई है।

वहीं सक्रिय मामलों की संख्या अब घटकर 10,132 हो गई है। राज्य में अब तक संक्रमण से 8,520 लोगों की मौत हुई है। इस समय कोरोना से रिकवरी दर 96.86 प्रतिशत है। प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,38,009 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 2,57,07,811 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में कुल सक्रिय मामलों में से 3,746 लोग होम आइसोलेशन में हैं। अब तक कुल 3,47,975 लोग होम आइसोलेशन का विकल्प चुन चुके हैं, जिनमें से 3,44,229 लोगों के इलाज का समय पूरा होने पर उन्हें डिस्चार्ज घोषित किया जा चुका है। वर्तमान में निजी चिकित्सालयों में 1,010 लोग इलाज करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त शेष मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 5,75,980 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,82,500 क्षेत्रों में 5,05,942 टीम दिवस के माध्यम से 3,12,35,024 घरों के 15,18,25,459 व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन की पहली खेप प्रदेश में आ चुकी है। केवल लखनऊ ही नहीं बल्कि जो नौ बड़े केन्द्र हैं, सभी जगह वैक्सीन प्राप्त हो गई है। वहां से इसे सभी जिलों में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी को वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण का कार्य भी हो चुका है। कोल्ड चेन की व्यवस्था भी की जा चुकी है। इस सम्बंध में निरंतर कार्य चल रहा है। जैसे-जैसे चरणबद्ध तरीके से लोगों का क्रम आएगा, वह आकर वैक्सीन लगा सकेंगे। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन होने के बाद भी लोग सावधानी बरतें, क्योंकि जब तक दो डोज नहीं लग जाती है और उसके बाद भी जब तक दो सप्ताह का समय और अधिक नहीं गुजर जाता है, तब तक शरीर में पूरी तरह से प्रतिरोधक क्षमता का विकास नहीं होता है।