Vinesh Phogat : पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर संन्यास का ऐलान किया। विनेश के इस पोस्ट से देशवासी हैरान हैं। दरअसल, विनेश ने पोस्ट में लिखा, “मां, कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई। माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके, इससे ज़्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024।”
माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
अलविदा कुश्ती 2001-2024 🙏
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी 🙏🙏
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 7, 2024
विनेश के संन्यास से बढ़ी राजनीतिक हलचल
विनेश के संन्यास वाले पोस्ट पर राजनीति के गलियारों में भी उनके समर्थन में प्रतिक्रिया आने लगी हैं। कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि, भारतीय पहलवान विनेश फोगट को गोल्ड मेडल मिलना चाहिए था। उन्होंने अब तक मेडल लाकर भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया है। यह वही बेटी है जिसने देश को गौरवान्वित किया। पहले भी वह पदक लाकर सबको गौरवान्वित महसूस कराती थी। उन्होंने एक ऐसे खिलाड़ी को हराया, जो बीते 20 साल से हारी नहीं थी। सेमीफाइनल जीत कर फाइनल का रुख किया। लेकिन, तकनीकी कारण से बाहर कर दिया गया।
बता दें, पेरिस में चल रहे ओलंपिक में भाग लेने के लिए भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को बुधवार को फाइनल की रेस से इसलिए बाहर होना पड़ा, क्योंकि उनका वजन 100 ग्राम अधिक था। विनेश को 50 किलोग्राम वाली कैटेगरी में महिला कुश्ती का फाइनल खेलना था।
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
विनेश के बाहर होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। आज की असफलता दुख देती है। काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं। साथ ही, मैं जानता हूं कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं। चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है और मजबूत होकर वापस आओ! हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
Vinesh, you are a champion among champions! You are India's pride and an inspiration for each and every Indian.
Today's setback hurts. I wish words could express the sense of despair that I am experiencing.
At the same time, I know that you epitomise resilience. It has always…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2024