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फोटोशूट के लिए इस रेलवे डिवीजन ने खोले द्वार, दिल जीत लेंगे खूबसूरत नजारे

This railway division opened doors for photoshoot, beautiful views will win hearts
तिरुवनंतपुरम: यादगार लम्हों को कैमरे में कैद करना भला किसे अच्छा नहीं लगेगा और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों के बीच फोटोशूट करना हर किसी का सपना होता है। आजकल फोटोशूट का चलन बढ़ा है। लोग खास मौकों पर फोटोशूट कराने के लिए दूर-दूर जाते हैं। अगर आप भी फोटोशूट कराने के शौकीन हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। देश के सबसे पुराने रेलवे डिवीजनों में से एक ने फोटोशूट के लिए रेल संपत्तियों को लोगों के लिए खोल दिया है। यह है दक्षिणी रेलवे जोन का पलक्कड़ रेलवे डिवीजन (Palakkad Railway Division)। इस मंडल का रेलवे ट्रैक कुछ ऐसे खूबसूरत स्थानों से गुजरता है, जहां का प्राकृतिक सौंदर्य पूरे देश में विख्यात है। इस डिवीजन का गठन अगस्त 1956 में हुआ था। palakkad-railway-station

जान लें किराया -

दक्षिणी रेलवे जोन का पलक्कड़ रेलवे डिवीजन (Palakkad Railway Division) भारत के सबसे पुराने रेलवे डिवीजनों में से एक है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरे इस रेलवे डिवीजन में फोटोशूट कराने के लिए एक दिन का शुल्क 1500 रुपये से लेकर 3 हजार रुपये तक निर्धारित किया गया है। यहां आप ट्रेनों, बोगियों समेत रेलवे की अन्य संपत्तियों में भी फोटोशूट करवा सकते हैं। palakkad-railway-station-flowers

राजस्व के साथ पर्यटन को बढ़ावा - 

पलक्कड़ डिवीजन (Palakkad Railway Division) के सीनियर डीसीएम अरुण थॉमस ने पुष्टि की कि उन्होंने रेलवे और रेल संपत्तियों पर शूटिंग करने वालों के लिए यह फैसला लिया है। पलक्कड़ में कुछ दर्शनीय स्थल हैं और हमें उम्मीद है कि यह रेलवे के लिए कुछ राजस्व ला सकता है और उन लोगों के लिए अच्छा होगा जो रेलवे संपत्तियों पर शूटिंग करना चाहते हैं और पलक्कड़ में पर्यटन गतिविधियों को भी अच्छा बढ़ावा दे सकते हैं," थॉमस ने कहा। palakkad-railway-route ये भी पढ़ें..श्री अन्न से खुल रहे समृद्धि के द्वार, रागी-कोदो की फसलों...

1956 में हुआ था पलक्कड़ डिवीजन का गठन -

palakkad-railway-division पलक्कड़ डिवीजन का गठन अगस्त 1956 में हुआ था। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र में रेलवे की शुरुआत 1860 में पोदनूर से पट्टांबी तक लाइन बिछाने के साथ शुरू हुई थी। लाइन को वर्ष 1907 तक मैंगलोर तक विस्तारित किया गया था। 02 अक्टूबर 1979 को शोरनूर-कोचिन हार्बर टर्मिनस सेक्शन को त्रिवेंद्रम डिवीजन को सौंप दिया गया। 1 नवंबर 2007 को नए सलेम डिवीजन के गठन के साथ, वर्तमान पलक्कड़ डिवीजन का रूट किलोमीटर 582.7 किलोमीटर है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)