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राजधानी लखनऊ समेत 12 स्टेशन पर शुरू होगी ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना, जानें पूरा प्लान

लखनऊः उत्तर रेलवे ने ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना को अपने सभी स्टेशनों पर लांच करने की तैयारी पूरी कर ली है। फिलहाल अभी इसे लखनऊ सहित 12 स्टेशनों पर ही शुरू किया जा रहा है। अभी तक यह योजना वाराणसी स्टेशन पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी। उत्तर रेलवे ने ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना की सफलता को देखते हुए लखनऊ मंडल के अन्य 11 नामित स्टेशनों को भी इस योजना में शामिल किया है।

इसमें लखनऊ की चिकनकारी, प्रतापगढ़ का आंवला उत्पाद, अयोध्या कैंट पर गुड़ से बने उत्पाद, उन्नाव पर चमड़ा उत्पाद, सुल्तानपुर पर मूंज के उत्पाद, रायबरेली में काष्ठ शिल्प उत्पाद, जौनपुर स्टेशन पर ऊनी कारपेट, बाराबंकी स्टेशन पर टेक्सटाइल उत्पाद, भदोही स्टेशन पर कारपेट उत्पाद, अमेठी स्टेशन पर मूंज उत्पाद एवं अयोध्या स्टेशन पर गुड़ के उत्पाद के स्टाॅल लगाकर बेचा जाएगा। इस योजना के इन स्टेशनों पर शुरू होने के बाद मंडल के लखनऊ एवं वाराणसी सहित कुल 12 स्टेशनों पर यह पायलट प्रोजेक्ट लागू हो जाएगा। ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना के तहत स्टॉल लगाने के लिए एक विक्रेता को 15 दिन का समय दिया जाएगा। 15 दिन बाद किसी अन्य विक्रेता को अवसर दिया जाएगा। 15 दिन के लिए टोकन के रूप में विक्रेता से मात्र 1000 रुपए शुल्क लिया जाएगा।

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एक स्टेशन पर एक से अधिक स्टाॅल लगाने वाले यदि आते हैं तो ऐसे में लाटरी द्वारा विक्रेता का चयन किया जाएगा। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना से हर क्षेत्र के प्रोडक्ट की ब्रांडिंग हो सकेगी। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण और अधिक से अधिक रोजगार बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ की योजना को शुरू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों से शुरू होकर सभी छोटे जिलों में भी इसे तेजी से बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। अब तक प्रदेश में 12 जिलों को इससे जोड़ा गया है।

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