बंगाल

कैश फॉर क्वेरी मामले में निशिकांत दुबे का दावा, लोकपाल ने दिए CBI जांच के आदेश

cache-for-query.jpg cash for query: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने की शिकायत करने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि उनकी शिकायत के आधार पर लोकपाल ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। निशिकांत दुबे ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर दावा किया, ''मेरी शिकायत पर लोकपाल ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर आरोपी सांसद महुआ के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का आदेश दिया।

9 नवंबर को होगी एथिक्स की अगली बैठक

आपको बता दें कि निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ-साथ लोकपाल से भी शिकायत की थी। लोकसभा अध्यक्ष ने निशिकांत दुबे की शिकायत को सदन की आचार समिति के पास भेज दिया था। विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने दुबे और मोइत्रा के साथ-साथ वकील जय अनंत देहाद्राई के विचारों को सुना है और समिति 9 नवंबर को होने वाली अपनी अगली बैठक में अपनी मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा करेगी और आम सहमति पर पहुंचेगी। लेकिन इस रिपोर्ट को भी अपनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर समेत समिति के ज्यादातर सांसद महुआ मोइत्रा के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं और महुआ मोइत्रा ने अपनी सफाई पेश करते हुए समिति की बैठक के अंदर और समिति की बैठक से बाहर आने के बाद सभापति के व्यवहार की आलोचना की। सोनकर पर लगे आरोपों से समिति के अधिकांश सदस्य भी नाराज हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एथिक्स कमेटी लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को अयोग्य ठहराने की सिफारिश भी कर सकती है।

माहुआ ने एथिक्स के सवालों पर जताई थी नाराजगी

दरअसल, इस मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जय अनंत देहाद्राई की गवाही के बाद लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 31 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था, लेकिन महुआ मोइत्रा नहीं आईं। अध्यक्ष विनोद सोनकर को पत्र लिखकर तिथि बढ़ाने का अनुरोध किया है। मोइत्रा के पत्र पर संज्ञान लेते हुए आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर के निर्देश पर लोकसभा सचिवालय ने उन्हें 2 नवंबर को समिति के सामने पेश होने को कहा था। मोइत्रा 2 नवंबर को संसद भवन पहुंचीं और समिति के सामने पेश हुईं, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने समिति की बैठक का बहिष्कार किया और सोनकर पर गंभीर आरोप लगाए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)